असंतुलित लिंगानुपात निबंध – Sex Ratio Essay In Hindi

असंतुलित लिंगानुपात निबंध – Essay On Sex Ratio In Hindi

कन्या भ्रूण–हत्या : सामाजिक कलंक – Female Feticide: Social Stigma

रूपरेखा–

  • प्रस्तावना,
  • कन्या भ्रूण–हत्या का आशय,
  • कन्या भ्रूण–हत्या का कारण,
  • विज्ञान का दुरुपयोग,
  • रोकथाम के उपाय,
  • उपसंहार।।

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

असंतुलित लिंगानुपात निबंध – Asantulit Lingaanupaat Nibandh

प्रस्तावना–
प्राचीनकाल से ही समाज में पुरुषों की सत्ता रही है। नारी को पुरुष के समान अधिकार और महत्त्व प्राप्त नहीं रहा है। वह द्वितीय श्रेणी की नागरिक रही है। उसको सामाजिक दमन और शोषण का शिकार बनना पड़ा है। कन्या वध की प्रथा भारतीय समाज में बहुत पुरानी है। बालिकाओं को जन्म लेते ही मार डाला जाता था। वर्तमान में कन्या भ्रूण की हत्या समाज में प्रचलित है।

Sex Ratio Essay In Hindi

कन्या भ्रूण–हत्या का आशय–
जब बच्चा माँ के गर्भ में आता है तो उसको भ्रूण कहते हैं। कुछ सप्ताह के पश्चात् भ्रूण का लिंग–निर्धारण हो जाता है। बहुत पुराने समय से ही भारत में बालक को जन्म देने को अच्छा माना जाता रहा है।

लोग यह जानने के इच्छुक रहते हैं कि माँ के गर्भ में पल रहा शिशु पुत्र है अथवा पुत्री। पुत्री का जन्म न चाहने वाले समय से पूर्व ही गर्भपात करा देते हैं। इसी को कन्या भ्रूण हत्या कहा जाता है।

Essay On Sex Ratio In Hindi

कन्या भ्रूण–हत्या का कारण–
कन्या भ्रूण–हत्या का कारण है–समाज में स्त्री की सम्मानजनक उपस्थिति स्वीकार न करना। राजवंशों में श्रेष्ठता के दंभ के कारण पुत्री के विवाह में अनेक बाधाएँ आती थीं। कुछ शक्तिशाली राजा बलात् किसी की पुत्री का अपहरण कर लेते थे।

इससे धनहानि और जनहानि होती थी। आजकल पुत्री का विवाह बड़ी परेशानी का कारण है। समाज में प्रचलित दहेज–प्रथा के कारण पुत्री का विवाह एक भयानक समस्या बन चुका है। इन सब संकटों से बचने के लिए समाज में यह बुरी प्रथा चल पड़ी है।

विज्ञान का दुरुपयोग–
आज विज्ञान का युग है। विज्ञान के नवीनतम आविष्कारों, जिनमें अल्ट्रासाउण्ड महत्त्वपूर्ण है, के कारण गर्भस्थ भ्रूण का लिंग पता करना आसान हो गया है। यह पता चलते ही कि माँ के गर्भ में कन्या भ्रूण पल रहा है, लोग गर्भपात करा देते हैं। गर्भपात भी अब नई तकनीक के कारण आसान हो गया है। कुछ लालची और भ्रष्ट अल्ट्रासाउण्ड वाले तथा डाक्टर कन्या भ्रूण हत्या के अनुचित काम में लगे हुए हैं।

रोकथाम के उपाय–
यद्यपि कुछ परिस्थितियों में गर्भपात की इजाजत है, परन्तु गर्भपात अपराध की श्रेणी में आता है। कन्याभ्रूण का गर्भ गिराना तो सामाजिक और वैधानिक अपराध है ही। इस कारण समाज में स्त्री–पुरुष का लिंग–संतुलन अकारण ही प्रभावित होता है।

भारत में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में स्त्रियों की संख्या पुरुषों से कम है। इससे लड़कों के विवाह में समस्या आती है तथा अपराध भी बढ़ते हैं। कन्याभ्रूण हत्या को रोकने के लिए कानून बना हुआ है, उसे और अधिक कठोर बनाने की जरूरत है। लोगों को जागरूक कर इस बुराई को मिटाना भी आवश्यक है।

उपसंहार–
जीवन परमात्मा की देन है। उसे नष्ट करना पाप है। कन्या भ्रूण–हत्या अनैतिक, अधार्मिक तथा अमानवीय काम है। यह अवैधानिक भी है। पुत्री को पुत्र के समान ही जन्म लेने और जीने का अधिकार है। इस दुष्प्रथा से समाज को बचाना उच्च मानवीय कर्तव्य है।

सरकार के कठोर रुख तथा जागरूकता के कारण इस घृणित अपराध में कमी आती दिखाई देती है। बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ जैसे जन आन्दोलन तथा कन्याओं की हर क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण भूमिका ने इस अंधपरंपरा को समाप्त करने में उल्लेखनीय योगदान कर रहे हैं।

नेत्रदान Summary In Hindi