Science in Daily Life Essay In Hindi | दैनिक जीवन में विज्ञान पर निबन्ध

Science in Daily Life Essay In Hindi | दैनिक जीवन में विज्ञान पर निबन्ध

दैनिक जीवन में विज्ञान संकेत बिंदु:

  • विज्ञान और आविष्कार
  • दैनिक जीवन और विज्ञान
  • विभिन्न आविष्कार
  • महत्व

दैनिक जीवन में विज्ञान पर निबन्ध | Science in Daily Life Essay In Hindi

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

मनुष्य निरंतर मानव जीवन को सुखमय बनाने में प्रयासरत रहा है। उसने विज्ञान के द्वारा नए-नए आविष्कार करके अपने दैनिक जीवन को आनंदमय कर लिया है। कवि जयशंकर प्रसाद ने इस विकास को निम्न पंक्तियों में स्पष्ट किया है-

जगे हम, लगे जगाने विश्व, लोक में फैला फिर आलोक,
व्योमतम पुंज हुआ तब नष्ट, अखिल संसृति हो उठी अशोक।

विज्ञान के द्वारा ही विश्व सभ्य हुआ और आज असभ्यता के अंधकार को चीरकर चारों ओर सुख का प्रकाश विज्ञान ही छितरा रहा है। विज्ञान ने मनुष्य के दैनिक जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन ला दिए हैं। जंगलों में रहने वाले मनुष्य ने भवन निर्माण कला का ज्ञान प्राप्त करके सुंदर विशाल और कलात्मक भवनों का निर्माण किया है। आज तीस-तीस, चालीस-चालीस मंजिलों के भवन आकाश को चूम रहे हैं।

यातायात के क्षेत्र में तो क्रांतिकारी परिवर्तन आ गए हैं। बैलगाड़ी युग को विज्ञान ने एकदम बदल डाला है। सड़कों पर तीव्र गति के वाहन हवा से बातें करने लगे हैं। भाँति-भाँति के विशाल जलयान हज़ारों यात्रियों और टनों सामान लादकर चलने लगे हैं। पानी के भीतर चलने वाली पनडुब्बियाँ बन गई हैं। हज़ारों यात्रियों को ले जाने वाले वायुयान आकाश में उड़ने लगे हैं। धरती के गुरुत्वाकर्षण को चीरकर मनुष्य अंतरिक्ष में यात्रा करने लगा है।

बिजली के आविष्कार के कारण मनुष्य की जीवन शैली ही परिवर्तित हो गई है। अंधकार भरी रातें बिजली के बल्बों और ट्यूब-लाइट्ज़ के प्रकाश से जगमगा उठी हैं। पंखों, कूलरों और एयरकंडीशनरों ने गर्मी की तपन को शांत कर दिया है। सर्दी की कंपकंपाहट को हीटरों ने दूर कर दिया है। रसोई के सारे काम बिजली के उपकरणों के द्वारा होने लगे हैं। बिजली के प्रेशर कुकर, चपाती-मेकर, गेहूँ और मसाला पीसने की मशीनें, आटा गूंथने की मशीनें रसोईघरों तक पहुंच गई हैं।

टेलीविज़न, टेलीफ़ोन, व्टसएप, फेसबुक, कंप्यूटर, इंटरनेट आदि ने दुनिया को समेटकर छोटा-सा बना दिया है। इन संचार के माध्यमों से क्रांति आ गई है। वैक्यूम क्लीनर कोनों तक को साफ़-सुथरा कर देते हैं। हाथों में बँधी घड़ियों से समय का तो पता चलता ही था, अब इनसे रक्तचाप, हृदय की धड़कनों और नाड़ी की गति तक को नापा जा सकता है।

विज्ञान के द्वारा पुस्तक प्रकाशन जगत में क्रांति आ गई है। एक दिन में एक पुस्तक ही हज़ारों प्रतियाँ तैयार होने लगी हैं। सुंदर चित्रमय पुस्तकें देखकर मन प्रसन्नता से भर जाता है। कंप्यूटर के द्वारा पुस्तक प्रकाशन की सुविधा ने इस क्षेत्र को पूर्णतया नवीन रूप प्रदान कर दिया है।

विद्यार्थियों को गणित के बोझ से मुक्त करने के लिए संगणकों के जेबी-संस्करण आ गए हैं। इनके द्वारा गणित के लंबे-से-लंबे और कठिन-से-कठिन प्रश्न हल किए जा सकते हैं। कक्षाओं में अध्यापन को रोचक बनाने के लिए श्रव्य-दृश्य के अनेक प्रकार के उपकरण आ गए हैं।

कैसेट्स, सी.डी. आदि के आविष्कार से संगीत जगत की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। वाद्य-यंत्रों का निर्माण भी नए रूप से होने लगा है। इलैक्ट्रॉनिक वाद्य-यंत्रों ने संगीत जगत को नए आयाम प्रदान कर दिए हैं। फ़िल्मों का निर्माण नई तकनीकों से होने लगा है। पानी के भीतर तक के दृश्यों का नई तकनीकों से स्वाभाविक फ़िल्मांकन होने लगा है।

चिकित्सा के क्षेत्र में तो विज्ञान ने अभूतपूर्व परिवर्तन ला दिए हैं। विज्ञान द्वारा ऐसे-ऐसे उपकरण बना दिए गए हैं जिनसे शरीर के भीतर के भागों को टी.वी. स्क्रीन पर देखा जा सकता है। रोगों का पता लगाने से लेकर उनके निदान तक के उपाय कंप्यूटर करने लगे हैं। शल्य-चिकित्सा के लिए नए-से-नए उपकरण आ गए हैं। अंग-प्रत्यारोपण तक होने लगे हैं।

विज्ञान ने मनुष्य के रहन-सहन, खान-पान के साथ-साथ उसके उठने-बैठने, चलने-फिरने, आने-जाने तक को प्रभावित कर दिया है। मनुष्य के दैनिक जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसे विज्ञान ने प्रभावित न किया हो। प्रातः उठने से लेकर रात को सोने तक के समस्त कार्य विज्ञान द्वारा ही संचालित होते हैं। यदि विज्ञान न होता तो मनुष्य का दैनिक जीवन अत्यंत कष्टकारी होता। यह विज्ञान ही है जिसने मनुष्य को समस्त सुख प्रदान किए हैं।