School Anniversary Essay In Hindi | विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबन्ध

School Anniversary Essay In Hindi विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबन्ध
विद्यालय का वार्षिकोत्सव संकेत बिंदु:

  • उत्सवों का महत्व
  • वार्षिकोत्सव की तैयारियाँ
  • उत्सव का वर्णन

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबन्ध | Essay on School Anniversary In Hindi

उत्सव और समारोह मानव-मन में उत्साह और आनंद का संचार करते हैं। इनसे जीवन में ताज़गी और स्फूर्ति आती है व अधिकाधिक कार्य करने की लगन पैदा होती है। विद्यालय में होने वाले वार्षिकोत्सव का अपना एक विशेष महत्व होता है पुरस्कृत विद्यार्थियों को देखकर अन्य विद्यार्थियों के मन में भी उमंग की लहर पैदा होती है और वे भी कुछ अधिक करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।

हमारा विद्यालय नगर के प्रतिष्ठित विद्यालयों में गिना जाता है। इसका नाम अरविंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल है। हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष वसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर मौसम बड़ा सुहावना और रमणीय होता है। इन दिनों न तो अधिक सर्दी पड़ती है और न अधिक गर्मी। प्रात:काल शीतल, मंद और सुगंधित वायु बहती है। चारों ओर प्रकृति का निखरा हुआ सौंदर्य दिखाई देता है। प्रकृति नववधू की भाँति हरी साड़ी पहने हुए रंग-बिरंगे फूलों से अलंकृत बहुत प्यारी और सुहावनी लगती है।

पिछले वर्ष 25 फरवरी के दिन वसंत पंचमी थी। हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव इसी दिन मनाया गया। इसके लिए एक महीने पहले से तैयारियाँ होने लगी। प्रधानाचार्य ने अध्यापकों और विद्यार्थियों को मिलाकर कई समितियाँ बनाईं जिनको अलग-अलग कार्य सौंप दिए गए। सबसे अधिक महत्वपूर्ण कार्य था सांस्कृतिक समिति का। समूह गान, वाद्यवृंद और नृत्यनाटिका में भाग लेने वाले विद्यार्थी मन लगाकर अभ्यास करने लगे।

विद्यालय में अवकाश हो जाने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थी एक घंटे अभ्यास के लिए रुकते थे। अध्यापक और विद्यार्थी अपने-अपने कार्यों में व्यस्त थे। निमंत्रण पत्र छपवाए गए और आमंत्रित व्यक्तियों को भेज दिए गए। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई जिसमें हर विषय के मॉडल और चार्ट बनवाए गए। विशेष रूप से विज्ञान विषय के वर्किंग मॉडल तैयार किए गए। इस कार्य में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

25 फरवरी को वार्षिकोत्सव सायं छह बजे से प्रारंभ होना था। विद्यार्थी और अध्यापक 10 बजे प्रातः विद्यालय पहुँच गए थे। सभी अपने-अपने अपूर्ण कार्य को पूरा करने में लग गए।

विद्यालय के क्रीडांगण में एक बड़ा शामियाना लगाया गया। मंच के सामने विशेष अतिथियों के बैठने के लिए सोफे लगाए गए। सोफों के पीछे दर्शकों के बैठने के लिए कुर्सियों की पंक्तियाँ थीं। मंच पर रंग-बिरंगे बल्बों का प्रकाश हो रहा था। फ़र्श पर लाल कालीन बिछे थे। मुख्य द्वार की साज-सज्जा देखने योग्य थी। लाल कपड़े की पट्टी पर सुनहरे बड़े अक्षरों में वार्षिकोत्सव के साथ विद्यालय का नाम अंकित था। मुख्य द्वार से पंडाल तक के मार्ग के दाएँ-बाएँ लाल रंग के कपड़े की दीवार थीं और फ़र्श पर कालीन बिछे थे।

6 बजकर 10 मिनट पर मुख्य अतिथि उपशिक्षा मंत्री की कार स्कूल के द्वार पर थी। प्रधानाचार्य और प्रबंध समिति के सदस्यों ने उनका स्वागत किया। एक छात्र ने उन्हें पुष्पमाला पहनाई तथा एक अन्य छात्र ने उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। प्रधानाचार्य उपमंत्री महोदय को मंच पर ले गए। वहाँ पंडाल में बैठे दर्शकों ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया।

सरस्वती वन्दना के साथ कार्यक्रम आरंभ हुआ। मिडिल कक्षाओं के विद्यार्थियों ने एक समूहगान प्रस्तुत किया। तदुपरांत एक वाद्यवृंद रचना प्रस्तुत की गई। प्रधानाचार्य ने विद्यालय का वार्षिक-विवरण पढ़कर सुनाया। इसके बाद पुरस्कार वितरण का कार्य हुआ।

इस अवसर पर. 50 विद्यार्थी पुरस्कृत किए गए। प्रत्येक कक्षा में गत वर्ष की वार्षिक परीक्षा में प्रथम स्थान पाने वाले छात्र को मुख्य अतिथि महोदय द्वारा पुरस्कार दिया गया। वार्षिक खेलकूद में अलग-अलग प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। अंत में नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की गई। यह उत्सव का मुख्य आकर्षण था। सबने इसकी सराहना की। मुख्य अतिथि के भाषण के बाद राष्ट्रगान से उत्सव का समापन हुआ।