देश के प्रति मेरा कर्त्तव्य पर निबंध – Essay On My Duty Towards My Country In Hindi
संकेत बिंदु :
- देश सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण
- देश के प्रति लगाव
- देश के प्रति ईमानदारी
- देश के प्रति सम्मान
- निःस्वार्थ प्रेम
- कर्तव्य का भली प्रकार से निर्वहन।
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
‘देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें।’ यह पंक्ति हमें उनके कर्तव्यों की याद दिला रही है जो किसी देश के प्रति वहाँ के निवासियों के होने चाहिए। हम मातृऋण, पितृऋण की बात तो करते हैं पर देश के प्रति अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं, जो इन ऋणों से भी अधिक महत्त्वपूर्ण है।
कोई भी व्यक्ति जिस देश में जन्म लेता है, उसका अन्न, जल ग्रहण कर पोषित होता है, जिसकी रज में लोट-लोटकर पुष्ट बनता है, उस देश की मातृभूमि के प्रति माता के समान सम्मान भाव रखना चाहिए। उस देश के राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करना चाहिए। व्यक्ति में देश-प्रेम, देशभक्ति की उत्कट भावना होनी चाहिए और मातृभूमि पर आँख उठाने वालों को मुँह तोड़ जवाब देना । चाहिए तथा आवश्यकता पड़ने पर अपना सर्वस्व अर्पित कर देना चाहिए।
किसी देश के प्रति वहाँ के नागरिकों को कर्तव्य बनता है कि वे उसकी प्रगति में भरपूर योगदान दें। राष्ट्र को स्वावलंबी बनाने में मदद करें। देशवासी ऐसा तभी कर सकते हैं जब वे अपने-अपने कार्य को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें। देश को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए वहाँ के नागरिकों को ईमानदारीपूर्वक करों का भुगतान करना चाहिए।
देश के नागरिक कहीं भी हों किसी भी हाल में हों, उन्हें राष्ट्र के सम्मान का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। हमें कोई ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे राष्ट्र के सम्मान पर आँच आए। हमें राष्ट्र-सम्मान को आहत करने वाली बातें भी नहीं करनी चाहिए। हमें उस जापानी नवयुवक, जिसने स्वामी रामकृष्ण को फलों का टोकरा देते हुए यह कहा था कि ‘आप अपने देश जाकर यह न कहें कि जापान में अच्छे फल नहीं मिलते हैं की तरह कार्य-व्यवहार कर राष्ट्र का मान-सम्मान बढ़ाने वाला कार्य करना चाहिए।
एक नागरिक के रूप में हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम देशद्रोह जैसे किसी काम में शामिल न हों। हम आतंकवादियों या देशद्रोहियों के बहकावे में न आएँ और राष्ट्र विरोधी किसी कार्य को अंजाम न दें। देखा गया है कि कुछ लोग अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए या थोड़े से धन के लोभ में देश की गुप्त सूचनाएँ, आतंकवादियों या विदेशियों को देकर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हैं और देश को खतरा पैदा करते हैं।
हमें देश में व्याप्त बुराइयों की रोकथाम के लिए भी यथासंभव सहयोग देना चाहिए। इसके आलावा प्रदूषण नियंत्रण, स्वच्छता, वृक्षारोपण, सर्वशिक्षा अभियान जैसे कार्यक्रमों में समय-समय पर भाग लेकर अपना कर्तव्य निभाना चाहिए, ताकि देश सफलता एवं उन्नति की ओर बढ़ता रहे।