वर्तमान शिक्षा प्रणाली – Modern Education System Essay In Hindi

वर्तमान शिक्षा प्रणाली – Essay On Modern Education System In Hindi

मानव जीवन में शिक्षा का विशेष महत्त्व है। शिक्षा ही वह आभूषण है जो मनुष्य को सभ्य एवं ज्ञानवान बनाता है, अन्यथा शिक्षा के बगैर मनुष्य को पशु के समान माना गया है। शिक्षा के महत्व को समझते हुए ही प्रायः शैक्षणिक गतिविधियों को वरीयता दी जाती है। भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली स्कूल, कॉलेजों पर केंद्रित एक व्यवस्थित प्रणाली है।

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

भारत की जो वर्तमान शिक्षा प्रणाली है, वह प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली से मेल नहीं खाती है। भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली का ढाँचा औपनिवेशिक है, जब कि प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली गुरुकुल आधारित थी। वर्तमान शिक्षा प्रणाली एक संशोधित एवं अद्यतन शिक्षा प्रणाली तो है ही यह ज्ञान-विज्ञान के नए-नए विषयों को भी समाहित करती है। कंप्यूटर शिक्षा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है जिसने मानव जीवन को सहज, सुंदर एवं सुविधाजनक बनाया है।

इस शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत देश में नए-नए विश्वविद्यालयों, कॉलेजों एवं स्कूलों की स्थापना की गई और यह प्रक्रिया अनवरत जारी है। इसमें शिक्षा का प्रचार-प्रसार बढ़ाने के साथ-साथ साक्षरता दर में भी बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2011 की जनगणना के आकड़ों के अनुसार इस समय देश की कुल साक्षरता दर 73.0 प्रतिशत है।

वर्तमान शिक्षा प्रणाली की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें महिला साक्षरता की तरफ विशेष ध्यान दिया गया है। महिला साक्षरता बढ़ने से आज समाज में महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ हुई है। वर्तमान में महिलाओं की साक्षरता दर 64.6 प्रतिशत है।

वर्तमान शिक्षा प्रणाली की खूबियों एवं विशेषताओं के साथ-साथ इसकी कुछ कमजोरियाँ भी हैं जिसका हमारे समाज एवं देश पर बुरा प्रभाव दिखाई पड़ रहा है। जैसे-आज संयुक्त परिवार टूटकर एकाकी परिवारों में और एकाकी परिवार नैनो फेमिली के रूप में विभाजित हो रहे हैं।

अब परिवारों में बड़े बुजुर्गों का स्थान घटता जा रहा है जो बच्चों को कहानियों एवं किस्सों द्वारा नैतिक शिक्षा देते थे। दादी, नानी की कहानियों का स्थान टी. वी., कार्टून, इंटरनेट और सिनेमा ने ले लिया है। जहाँ से मानवीय मूल्यों की शिक्षा की उम्मीद करना बेमानी बात है।

विद्यालयों में ऐसी शिक्षा जो बच्चों के चरित्र का निर्माण कर उनमें सामाजिक सरोकार विकसित करे उसका स्थान व्यावसायिक शिक्षा ने ले लिया है, जिसके अंतर्गत हम एक आत्मकेंद्रित, सामाजिक सरोकारों और मूल्यों से कटे हुए एक इंसान का निर्माण कर रहे हैं, जिससे समाज में बिखराव की स्थिति पैदा हो रही है।

वर्तमान शिक्षा प्रणाली का एक बड़ा दोष यह भी है कि यह रोजगारोन्मुख नहीं है अर्थात इसमें कौशल और हुनर का अभाव है। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय डिग्रियाँ बाँटने वाली एजेंसियाँ बन गई हैं।

वर्तमान शिक्षा प्रणाली को व्यावहारिक, सफल, एवं आदर्श स्वरूप प्रदान करने के लिए इसमें बदलाव एवं सुधार की आवश्यकता है। जिससे यह जीवन को सार्थकता प्रदान करने एवं आजीविका जुटाने में सक्षम हो सके।

Essay On Modern Education System