क्रिकेट पर निबंध – Essay on Cricket In Hindi
संकेत-बिंदु –
- भूमिका
- क्रिकेट के प्रति जुनून
- क्रिकेट के प्रारूप
क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता (Kriket Kee Badhatee Lokapriyata) – Growing popularity of cricket
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
भूमिका – हर व्यक्ति अपनी आयु, पसंद, रुचि के अनुसार कोई न कोई खेल अवश्य खेलता है। कोई हॉकी खेलता है तो कोई क्रिकेट, कोई फुटबॉल तो कोई वालीबॉल, पर मेरी पसंद का खेल है-क्रिकेट, जिसे आज का लगभग हर युवक पसंद करता है।
क्रिकेट के प्रति जुनून – क्रिकेट के प्रति मेरा ही नहीं देश के अधिकांश युवाओं में जुनून छाया हुआ है। युवाओं में क्रिकेट इतना लोकप्रिय है कि इसकी लोकप्रियता अन्य खेलों पर भारी पड़ने लगी है। आज बचपन से ही इस खेल के प्रति बच्चों की रुचि देखी जा सकती है जो युवावस्था तक और भी बढ़ती जाती है। क्रिकेट खेलना ही नहीं दूरदर्शन पर प्रसारित क्रिकेट मैच देखने के लिए युवा वर्ग विद्यालय से छुट्टी करता है, कहीं आने-जाने का कार्यक्रम स्थगित करता है तथा अन्य काम बंद कर देता है। यह क्रिकेट के प्रति उसका जुनून ही तो है।
क्रिकेट के प्रारूप – किसी ज़माने में क्रिकेट एक ही प्रारूप में खेला जाता था- वह है टेस्ट क्रिकेट। इस प्रारूप में क्रिकेट पाँच दिनों तक खेला जाता है। इसमें दोनों पारियों को दो-दो बार बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी करनी होती है। दोनों पारियों को मिलाकर जो टीम अधिक रन बनाती है, वह विजयी होती है। क्रिकेट के इस प्रारूप में परिणाम निकल ही आएगा, इसकी गारंटी नहीं होती। पाँच दिनों तक मैच देखने के लिए समय न होना और परिणाम निकलने की गारंटी न होने के कारण इसकी लोकप्रियता कम होती जा रही है।
एक दिन में सौ ओवरों के मैच को एक दिवसीय क्रिकेट मैच के नाम से जाना जाता है। कभी एक दिवसीय मैच 60 – 60 ओवरों का खेला जाता था, पर आज यह 50 – 50 ओवरों में दो टीमों के मध्य खेला जाता है। जो भी टीम अधिक रन बनाए और दूसरी टीम को जल्दी आउट कर ले, वही टीम विजयी मानी जाती है। क्रिकेट का यह प्रारूप काफ़ी लोकप्रिय है।
आजकल क्रिकेट को बीस – बीस ओवरों के प्रारूप में खेला जाने लगा है। इसे टी-20 क्रिकेट कहा जाता है। आजकल यह प्रारूप अत्यधिक लोकप्रिय है। इस खेल में परिणाम निकल आता है तथा लगभग चार घंटे में पूरा हो जाता है, अतः हर आयु वर्ग का दर्शक इसमें रुचि लेने लगा है। इस प्रारूप का क्रिकेट प्रायः शाम को खेला जाता है। विभिन्न राज्यो ने इसी प्रारूप में अपना-अपना लीग शुरू कर लिया है। आई.पी.एल. के आयोजन से इस प्रारूप की लोकप्रियता अपने चरम पर पहुँच गई है।
क्रिकेट की लोकप्रियता के कारण – यद्यपि दुनियाभर में क्रिकेट खेलने वाले देशों की संख्या बारह-चौदह ही है, पर अधिकांश देशों में इसे रुचि के साथ देखा जाता है। आस्ट्रेलिया-इंग्लैंड और भारत-पाकिस्तान के मध्य खेले जाने वाले खेलों की लोकप्रियता चरम पर होती है। क्रिकेट से खिलाड़ियों को हर साल करोड़ों रुपये अर्जित होते हैं। दुनिया उन्हें जानने-पहचानने लगती है। खेल में कैरियर की समाप्ति के बाद कई कंपनियाँ उन्हें नौकरी दे देती हैं। आज क्रिकेट खिलाड़ी युवाओं का मॉडल बन चुके हैं। भारत का हर युवा सचिन तेंदुलकर बनना चाहता है। आखिर वह बनना भी क्यों न चाहे, यहाँ सचिन को ‘भगवान’ का दर्जा जो प्राप्त है।
उपसंहार – इसमें कोई संदेह नहीं कि क्रिकेट हमारे देश का सबसे लोकप्रिय खेल है। इस खेल से जुड़े खिलाड़ियों को जो आदरसम्मान एवं ख्याति प्राप्त है, वह अन्य खेल के खिलाड़ियों को नहीं। खेल कोई भी हो, पर हमें किसी न किसी खेल में भाग अवश्य लेना चाहिए।