राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – Competition Of Rajasthani Folk Essay In Hindi

राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – Essay On Competition Of Rajasthani Folk In Hindi

  • प्रस्तावना
  • प्रतियोगिता का आयोजन
  • प्रतियोगिता का आरम्भ
  • प्रतियोगिता का समापन
  • उपसंहार।

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – Rajasthan Ke Lokgeet Par Nibandh

प्रस्तावना–
मैंने अनेक प्रतियोगिताएँ देखी हैं। विद्यालयों में वाद–विवाद, खेलकुद आदि अनेक प्रतियोगिताएँ होती हैं। छात्रों में अन्ताक्षरी भी प्रसिद्ध है, परन्तु राजस्थानी लोकगीतों की प्रतियोगिता देखने–सुनने का अवसर मिलना मेरे लिए अभूतपूर्व अनुभव था।

प्रतियोगिता का आयोजन–
गणतंत्र दिवस के अवसर पर मेरे विद्यालय में एक प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें कक्षा 11 की दो टीमें भाग ले रही थीं। प्रत्येक टीम में पाँच–पाँच प्रतियोगी थे। उनको पाँच–पाँच मिनट का समय दिया गया था। प्रत्येक टीम के साथ संगीतकारों का एक दल भी था। यह दल अपने साजों से गायक का सहयोग करता था।

प्रत्येक गायक के गायन के लिए दस अंक निर्धारित थे जिसमें पार्श्वसंगीत के चार अंक सम्मिलित थे। प्रतियोगिता में विजयी टीम का चयन करने के लिए एक निर्णायक–मण्डल था। इसमें हमारे विद्यालय के हिन्दी–शिक्षक तथा संगीत–शिक्षक सम्मिलित थे।

प्रतियोगिता का आरम्भ–
नगर के विधायक जी ने प्रतियोगिता का शुभारम्भ दीपक प्रज्वलित करके किया। लॉटरी द्वारा निश्चित किया गया कि पहले कौन–सी टीम गायन करेगी। ‘अ’ टीम ने वर्षा ऋतु सम्बन्धी गीत प्रस्तुत किया नित बरसों रे मेघा बागड़ में मठ बाजरो बागड़ निपजै, गेहूँड़ा निपजै खादर में। इसका प्रत्युत्तर ‘ब’ टीम को देना था।

‘ब’ टीम ने भी अपने गायन में वर्षा ऋतु को ही अपना विषय बनाया सावण तो लाग्यो पिया भावणो जी एजी बरसण लाग्या मेंह। इस तरह दोनों टीमों के प्रत्येक सदस्य ने बारी–बारी से राजस्थानी गीत प्रस्तुत किए। इन गीतों पर श्रोता प्रसन्नता से झूम उठे। ‘अ’ टीम का गीत–गोरी को पल्लो लटके, विशेष पसंद किया गया।

प्रतियोगिता का समापन–
यह प्रतियोगिता लगभग एक–सवा घंटे में सम्पन्न हुई। तब निर्णायक मण्डल के दोनों सदस्यों द्वारा प्रदत्त अंकों को जोड़ा गया। इसमें ‘अ’ टीम को सर्वाधिक अंक प्राप्त हुए और उसको विजयी घोषित किया गया।

किन्तु ‘ब’ टीम में श्याम मोहन को सर्वश्रेष्ठ गायक की उपाधि प्रदान की गई। इस तरह शील्ड ‘अ’ टीम को प्राप्त हुई तथा व्यक्तिगत गायन में ‘ब’ टीम ने बाजी मारी।

उपसंहार–
राजस्थानी लोकगीतों के गायन की इस प्रतियोगिता की नगर के विधायक जी ने भी प्रशंसा की। उन्होंने ऐसे आयोजनों को छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा को बढ़ाने वाला बताया। अंत में पुरस्कार वितरण हुआ और छात्रों को मिष्टान्न वितरण भी किया गया।