बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध (Short and Long Essay on Beti Bachao Beti Padhao In Hindi)
कन्या भ्रूण हत्या : महापाप संकेत बिन्दु – Female Feticide Causality Point
- घोर पाप
- कन्या-भ्रूण हत्या के कारण
- कन्या-भ्रूण हत्या के दुष्परिणाम
- कन्या-भ्रूण हत्या रोकने के उपाय।
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
घोर पाप-
हमारी भारतीय संस्कृति में कन्या को देवी का स्वरूप माना जाता है। नवरात्रि और देवी जागरण के समय कन्या-पूजन की परम्परा से सभी परिचित हैं। हमारे धर्मग्रन्थ भी नारी की महिमा का गुणगान करते हैं। आज उसी भारत में कन्या को माँ के गर्भ में ही समाप्त कर देने की लज्जाजनक परम्परा चल रही है। इस घोर पाप ने सभ्य जगत के सामने हमारे मस्तक को झुका दिया है।
कन्या-भ्रूण हत्या के कारण-
कन्या-भ्रूण को समाप्त करा देने के पीछे अनेक कारण हैं। कुछ राजवंशों और सामन्त परिवारों में विवाह के समय वर-पक्ष के सामने न झुकने के झूठे अहंकार ने कन्याओं की बलि ली। पुत्री की अपेक्षा पुत्र को महत्व दिया जाना, धन लोलुपता, दहेज प्रथा तथा कन्या के लालन-पालन और सुरक्षा में आ रही समस्याओं ने भी इस निन्दनीय कार्य को बढ़ावा दिया है। दहेज लोभियों ने भी इस समस्या को विकट बना दिया हैं। झूठी शान के प्रदर्शन के कारण कन्या का विवाह सामान्य परिवारों के लिए बोझ बन गया है।
कन्या-भ्रूण हत्या के दुष्परिणाम-
चिकित्सा विज्ञान को प्रगति के कारण आज गर्भ में ही संतान के लिंग का पता लगाना सम्भव हो गया है। अल्ट्रासाउण्ड मशीन से पता लग जाता है कि गर्भ में लड़की है या लड़का। यदि गर्भ में लड़की है, तो कुबुद्धि-लोग उसे डॉक्टरों की सहायता से नष्ट करा देते हैं। इस निन्दनीय आचरण के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं।
देश के अनेक राज्यों में लड़कियों और लड़कों के अनुपात में चिन्ताजनक गिरावट आ गई है। लड़कियों की कमी हो जाने से अनेक युवक कुँवारे घूम रहे हैं। अगर ‘ सभी लोग पुत्र ही पुत्र चाहेंगे तो पुत्रियाँ कहाँ से आएँगी। विवाह कहाँ से होंगे ? वंश कैसे चलेंगे ? इस महापाप में नारियों का भी सहमत होना बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है।
कन्या-भ्रूण हत्या रोकने के उपाय-
कन्या-भ्रूण हत्या को रोकने के लिए जनता और सरकार ने लिंग परीक्षण को अपराध घोषित करके कठोर दण्ड का प्रावधान किया है फिर भी चोरी छिपे यह काम चल रहा है। इसमें डॉक्टरों तथा परिवारीजन दोनों का सहयोग रहता है। इस समस्या का हल तभी सम्भव है जब लोगों में लड़कियों के लिए हीन भावना समाप्त हो। पुत्र और पुत्री में कोई भेद नहीं किया जाय।।
कन्या-भ्रूण हत्या भारतीय समाज के मस्तक पर कलंक है। इस महापाप में किसी भी प्रकार का सहयोग करने वालों को समाज से बाहर कर दिया जाना चाहिए और कठोर कानून बनाकर दण्डित किया जाना चाहिए। कन्या भ्रूण हत्या मानवता के विरुद्ध अपराध है।।
बेटी बचाओ-
बेटियाँ देश की सम्पत्ति हैं। उनको बचाना सभी भारतवासियों का कर्तव्य है। वे बेटों से कम महत्वपूर्ण नहीं हैं। परिवार तथा देश के उत्थान में उनका योगदान बेटों से भी अधिक है। उसके लिए उनकी सुरक्षा के साथ ही उनको सुशिक्षित बनाना भी जरूरी है। हमारे प्रधानमंत्री ने यह सोचकर ही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया है।