15 August Independence Day Essay In Hindi | मेरा भारत महान पर निबन्ध

15 August Independence Day Essay In Hindi  मेरा भारत महान पर निबन्ध

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस संकेत बिंदु:

  • स्वाधीनता का महत्व
  • भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष
  • स्वतंत्रता दिवस समारोह

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

मेरा भारत महान पर निबन्ध | 15 August Independence Day Essay In Hindi

पिंजरा चाहे सोने का ही क्यों न हो पक्षी को कभी अच्छा नहीं लगता। मुक्त होकर स्वच्छंद आकाश में विचरण करने का दिन उसके जीवन का सबसे मधुर दिन होता है। फिर किसी राष्ट्र के लिए तो उसका स्वतंत्रता-दिवस कितना महत्वपूर्ण और हर्षोल्लास का होगा। स्वतंत्रता प्रत्येक मनुष्य और देश का जन्मसिद्ध अधिकार है। तुलसीदास ने भी कहा है-‘पराधीन सपनेहूँ सुख नाही’ अर्थात् पराधीनता में तो सपने में भी सुख नहीं है। पराधीनता की इन्हीं बेड़ियों को तोड़ फेंकने के लिए भारत के महान सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।

हमारी स्वतंत्रता प्राप्ति की कहानी बलिदानों से भरी पड़ी है। 1857 में इसकी प्रथम चिंगारी सुलगी थी। अंग्रेजों के अत्याचारों ने आग में घी का काम किया। ‘स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ और ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ के नारों और 1942 की जनक्रांति ने अंग्रेजी सरकार की जड़ों को बिल्कुल खोखला कर दिया। विवश होकर अंग्रेजों ने 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्र कर दिया। हर वर्ष इसी दिन की याद को ताज़ा बनाए रखने के लिए हम भारतीय बड़े गौरव और उल्लास से इसे ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाते हैं।

15 अगस्त 1947 को जवाहरलाल नेहरू प्रथम प्रधानमंत्री बने। लाल किले से तिरंगा फहराकर उन्होंने देश की जनता को संबोधित किया तो स्वतंत्र भारत का आकाश ‘भारत माता की जय’ के नारों से गूंज उठा। हर वर्ष 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर भारत के प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं।

भारत के कोने-कोने में यह दिन धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सभी कार्यालय, शिक्षा संस्थाएँ और बाज़ार बंद रहते हैं। राज्यों की राजधानियों में विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं। मुख्यमंत्री ध्वज फहराते हैं और जनता को संदेश देते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली में यह समारोह विशेष उल्लास के साथ मनाया जाता है। सूर्योदय से पहले ही लाल किले के विशाल प्रांगण में हज़ारों लोग एकत्र हो जाते हैं। विदेशी अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी समारोह में आमंत्रित होते हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। देशवासियों के नाम अपना संदेश प्रसारित करते हैं। अंत में राष्ट्रीय गान और जयहिंद के नारों के साथ समारोह का समापन हो जाता है।

यह दिन भारत के सौभाग्य का दिन है। देशवासियों के मन में स्वाभिमान और देशभक्ति की भावना जगाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है। हमें ध्यान रखना चाहिए कि देश की स्वतंत्रता से ही हमारी अस्मिता जुड़ी है। देश का सम्मान ही हमारा सम्मान है।