मेरी माँ Class 6 Summary Explanation in Hindi

मेरी माँ Class 6 Saransh in Hindi

Meri Maa Class 6 Summary

मेरी माँ पाठ का सारांश

लेखक रामप्रसाद बिस्मिल ने लिखा है-
लखनऊ कांग्रेस के अधिवेशन में जाने की लेखक की इच्छा को जानकर उनकी माँ ने उन्हें खर्च दे दिया। बिस्मिल शाहजहाँपुर की सेवा-समिति में सहयोग करते थे। यद्यपि उनके पिताजी और दादाजी को उनके ये काम अच्छे नहीं लगते थे, लेकिन उनकी माँ उनका उत्साह बढ़ाती थीं। माँ को भी पिताजी की डाँट-फटकार सुननी पड़ती थी। लेखक के मन में जो जीवन के प्रति उत्साह आया है, वह उनकी माताजी और गुरुदेव श्री सोमदेव की कृपा के फलस्वरूप था। वे जीवन भर संकट की घड़ी में भी संकल्प को त्याग नहीं सके।

पिताजी के एक दीवानी मुकदमे के वकालत-नामे पर उन्होंने पिताजी के हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। उन्होंने इसे धर्म-विरुद्ध और पाप बताया था। वे सदा सत्य का आचरण करते थे।

मेरी माँ Class 6 Summary Explanation in Hindi 1

लेखक माताजी ग्यारह वर्ष की उम्र में विवाह कर शाहजहाँपुर आईं थी। उस समय वे एक अशिक्षित ग्रामीण कन्या थी। दादीजी ने अपनी छोटी बहन को बुलाकर माताजी को गृहकार्य की शिक्षा दिलाई। लेखक के जन्म के 5-7 साल बांद उनकी माँ ने हिंदी पढ़ना शुरू किया। अपनी सहेली वे वे अक्षर-बोध करती थीं। धीरे-धीरे वे देवनागरी की पुस्तकों का अध्ययन करने लगीं। जब लेखक ने ‘आर्य समाज’ में प्रवेश किया, तब माताजी के साथ उनका खूब वार्तालाप होता था। माताजी के मार्ग-दर्शन के कारण ही लेखक सांसरिक-चक्र में फँसने से बच गया। माताजी ने उनके लिए स्पष्ट आदेश था कि किसी की भी प्राणहानि न हो।

लेखक स्वयं को अपनी माँ का ऋणी समझता था। माँ ने प्रेम और दृढ़ता से उनके जीवन को सुधारा था। उन्हीं की द्या से वे देश-सेवा में लग सके। लेखक को अपनी माँ की मंगलमयी मूर्ति का बड़ा ध्यान रहता था। माँ ने अपने पुत्र का केवल पालन-पोषण ही नहीं किया, बल्कि उनका सामाजिक, आत्मिक और धार्मिक उन्नति में सहायक भी रहीं। माँ ने ही उन्हें संकट की घड़ी में भी अधीर नहीं होने दिया। लेखक की संसार के भोग-विलास में कोई में इच्छा कभी नहीं रही।

लेखक को यह विश्वास था कि उनकी माँ को उनके भारत माता की सेवा में बलिदान देने की बात ध्रैयपूर्वक सहन कर जाएँगी। जब भी स्वाधीन भारत का इतिहास लिखा जाएगा तो उसके किसी पृष्ठ पर उज्ज्वल अक्षरों में उनकी माँ का नाम भी लिखा जाएगा। गुरु गोविदसिंह जी की धर्म-पत्मी भी अपने पुत्रों की शहदत की खबर सुनकर प्रसन्न हुई थीं। गुरु के नाम पर पुत्रों के बलिदान देने पर उन्होंने मिठाई बाँटी थी। लेखक की भी यह इच्छा थी कि अपने अंतिम समय में वह भी विचलित न हो। वह परमात्मा का स्मरण करते हुए शरीर का त्याग करे।

मेरी माँ Class 6 Summary Explanation in Hindi 2

मेरी माँ लेखक परिचय

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिवीर रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 1897 ई० में हुआ था। मात्र 30 वर्ष की आयु में अंग्रेज सरकार ने उन्हें फाँसी की सजा दी। रामप्रसाद बिस्मिल असाधारण प्रतिभा के धनी थे। वे एक अच्छे कवि और लेखक थे। उन्होंने अनेक पुस्तकें लिखीं। उन्होंने ही ‘सरफरोशी की तमन्ना’ जैसा लोकप्रिय गीत उन्हीं ने लिखा था। जेल में रहते हुए उन्होंने अनेक अत्याचार सहे। उन्होंने ‘मेरी माँ’ नामक चर्चित आत्मकथा लिखी।
उन्हें 1927 ई० में फाँसी पर लटका दिया।

मेरी माँ Class 6 Summary Explanation in Hindi 3

शब्दार्थ :

  • आरंभ = शुरुआत (beginning)।
  • उत्साह = जोश (zeal)।
  • दंड = जुर्माना (punishment)।
  • साहस = हिम्मत (courage) ।
  • अनुरोध = प्रार्थना (request)!
  • प्रोत्साहन = बढ़ावा (incentive)।
  • सद्व्यवहार = अच्छा व्यवहार (good behaviour)।
  • संकल्प = पक्का इरादा (determination)।
  • हस्ताक्षर = दस्तखत (signature)।
  • विरुद्ध = विरोध में (against)।
  • खारिज़ = रद्द (reject)।
  • नितांत = बिल्कुल (definitely)।
  • अशिक्षित = अनपढ़ (illiterate)।
  • गृहकार्य = घर का काम (homework)।
  • वार्तालाप = बातचीज (conversation)।
  • उदार = खुले दिल के (broad minded)।
  • जीवन-निर्वाह = गुजारा (livelyhood)।
  • आदेश = आज्ञा (order) ।
  • जन्मदात्री = जन्म देने वाली (mother) ।
  • ऋण = कर्ज (debt) ।
  • तुच्छ = छोटा (small) ।
  • दृढ़ता = मज़बूती (firmness)।
  • संलग्न = जुड़ जाना (involved)।
  • मस्तक = माथा (forehead)।
  • आत्मिक = आत्मा का (spiritual)।
  • अधीर = बैचेन (restless)
  • कलंकित = कलंक लगाना (bad-name)।
  • विचलित = घबरा जाना (restless)।
  • स्मरण = याद (memorize)।

Class 6 Hindi Notes

Leave a Comment