Mathrubhumi Class 6 Question Answer Hindi Malhar Chapter 1

Class 6 Hindi Malhar Chapter 1 Mathrubhumi Question Answer मातृभूमि

मातृभूमि Question Answer Class 6

कक्षा 6 हिंदी पाठ 1 मातृभूमि कविता के प्रश्न उत्तर – Mathrubhumi Class 6 Question Answer

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए
(i) हिंद महासागर के लिए कविता में कौन-सा शब्द आया है?

  • चरण
  • हिमालय
  • वंशी
  • सिंधु (*)

(ii) मातृभूमि कविता में मुख्य रूप से

  • भारत की प्रशंसा की गई है। (*)
  • भारत के महार्पुरुषों की जय की गई है।
  • भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है।
  • भारतवासियों की वीरता का बखान किया गया है।

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर :
मेरे अनुसार उपर्युक्त चुने हुए उनः इसलिए सटीक व सही हैं, क्योंकि हिंद महासागर का प्राचीन नाम ‘सिध्रु महासागर’ था। यह नाम प्राचीन भारतीयों द्वारा रखा गया था। जारत के नाम पर इस सागर का नाम ‘हिंद महासागर’ ग्रा गया, इसलिए कवि ने अपनत्व के कारण इसे सिंधु नाम में पुकारा है। दूसरो ओर कवि ने प्रस्तुत कविता में भारत के पवंत. नहियों. वृक्षों. पवन, घनी अमराइयों आदि की महिमा का बख्तान किया है। कविता में मुख्य रूप से भारत के प्राकृतिक व भौगांलिक सौदर्य की सराहना की गई है, इसलिए मेरे अनुसार ये दोनों विकल्व मही हैं।

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चां कींजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

शब्द अर्थ या संदर्भ
1. हिमालय 1. एक प्रसिद्ध महापुरुष, बौद्ध धर्म के प्रवर्तक।
2. त्रिवेणी 2. वसुदेव के पुत्र वासुदेव।
3. मलय पवन 3. भारत की प्रसिद्ध नदियाँ।
4. सिध 4. तीन नदियों की मिली हुई धारा, संगम।
5. गंगा-यमुना 5. श्री रामचंद्र का एक नाम, दशरथ के पुत्र।
6. रघुपति 6. दक्षिणी भारत के मलय पर्वत से चलने वाली सुगंधित वायु।
7. श्रीकृष्ण 7. एक प्रसिद्ध और प्राचीन ग्रंथ ‘श्रीमद्भगवद्गीता’, इसमें वे प्रश्न-उत्तर और संवाद हैं, जो महाभारत में श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुए थे।
8. सीता 8. समुद्र. एक नदी का नाम।
9. गीता 9. जनक की पुत्री जानकी।
10. गौतम बुद्ध 10. भारत की उत्तरी सीमा पर फैली पर्वत-माला।

उत्तर :

शब्द अर्थ या संदर्भ
1. हिमालय 10. भारत की उत्तरी सीमा पर फैली पर्वत-माला।
2. त्रिवेणी 4. तीन नदियों की मिली हुई धारा, संगम।
3. मलय पवन 6. दक्षिणी भारत के मलय पर्वत से चलने वाली सुगंधित वायु।
4. सिध 8. समुद्र. एक नदी का नाम।
5. गंगा-यमुना 3. भारत की प्रसिद्ध नदियाँ।
6. रघुपति 5. श्री रामचंद्र का एक नाम, दशरथ के पुत्र।
7. श्रीकृष्ण 2. वसुदेव के पुत्र वासुदेव।
8. सीता 9. जनक की पुत्री जानकी।
9. गीता 7. एक प्रसिद्ध और प्राचीन ग्रंथ ‘श्रीमद्भगवद्गीता’, इसमें वे प्रश्न-उत्तर और संवाद हैं, जो महाभारत में श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुए थे।
10. गौतम बुद्ध 1. एक प्रसिद्ध महापुरुष, बौद्ध धर्म के प्रवर्तक।

पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इह्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए ज.। अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए
“वह युद्ध भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी।
वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी!”
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्तियों का अर्थ यह हैं कि कीजि अपनी मातृभूमि की महानता पर गर्व करते हुए कहता है कि यह वही युद्धभूमि है, जः पहाभारत का युद्ध हुआ, राम-रावण का युद्ध हुआ अर्थात् जो अघम पर द की विजय के प्रतीक थे। यह संघर्ष की भूमि रही है, जो हमें आज भी संघर्ष करना सिखाती है। यह पाबन भूमि मेरी वह बुद्धभूमि भी है, जिस पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था, जिन्होंने विश्व को करुणा, प्रेम और अहिंसा का संदेश दिया, जिससे भारत में एकता की भावना रहे। अत: ऐसी पवित्र भूमि मेरी मातूभूमि है, यह मेरी जन्मभूमि है, यहाँ जन्म लेना मेरे लिए गर्व की बात है।

सोच-विचार के लिए

(क) कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
(i) कोयल कहाँ रहती है?
उत्तर :
कोयल अमराइयों (आम के बगीचों) में रहती है, जहाँ वह मधुर गीत गाती है।

(ii) तन-मन कौन सँवारती है?
उत्तर :
मलय पर्वत से आने वाली सुगंधित पवन तन-मन को सँवारती है।

(iii) झरने कहाँ से झरते हैं?
उत्तर :
झरने पहाड़ियों से झरते हैं, जहाँ वे कल-कल करते हुए बहते हैं।

(iv) श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया था?
उत्तर :
श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश सुनाया था।

(v) गौतम ने किसका यश बढ़ाया?
उत्तर :
गौतम बुद्ध ने दया, प्रेम और अहिसा का संदेश देकर भारत का यश बढ़ाया।

(ख) “नदियाँ लहर रही हैं
पग पग छहर रही हैं”
‘लहर’ का अर्थ होता है-पानी का हिलोरा, मौज, उमंग, वेग, जोश ‘छहर’ का अर्थ होता है- बिखरना, छितराना, छिटकना, फैलना कविता पढ़कर पता लगाइए और लिखिए

कहाँ-कहाँ छटा छहर रही है?
उत्तर :
पग-पग छटा ‘छहर’ रही है अर्थात् गंगा, यमुना, सरस्वती जैसी पवित्र नदियों के त्रिवेणी संगम की जगमग करती छटा ही अनोखी है, जो कदम-कदम में फैली हुई है और मातृभूमि की शोभा को बद्वाता है।

किसका पानी लहर रहा है?
उत्तर :
नदियों का पानी लहर रहा है। इसमें गंगा, यमुना और सरस्वती आदि नदियाँ सम्मिलित हैं, जो हिलोरे लेकर उमंग, जोश, मस्ती व अपनी सुंदरता से पूरे क्षेत्र में छटा बिखेरते हुए आगे बढ़ती हैं।

कविता की रचना

“गंगा यमुन त्रिवेणी
नदियाँ लहर रही हैं”

‘यमुन’ शब्द यहाँ ‘यमुना’ नदी के लिए आया है। कभी-कभी कवि कविता की लय और सौंदर्य को बढ़ाने के लिए इस प्रकार से शब्दों को थोड़ा बदल देते हैं। यदि आप कविता को थोड़ा और ध्यान से पढ़ोगे, तो आपको और भी बहुत-सी विशेषताएँ पता चलेंगी। आपको जो विशेष बातें दिखाईं दें, उन्हें आपस में साझा कीजिए और लिखिए। जैसे सबसे ऊपर इस कविता का एक शीर्षक है।
उत्तर :
इस कविता में कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • मातृभूमि ‘मातृरूमि’ शब्द का अथ्थ है-‘माँ की तरह प्यारा देश’, जो कवि के देशप्रेम और मातृभूमि के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
  • चूमता ‘चूमता’ शब्द हिमालय पर्वत के आकाश तक ऊँचा होने का वर्णन करता है, जो प्राकृतिक सुंदरता और हिमालय की विशालता को दर्शाता है।
  • पग-पग छहर ‘पग-पग छहर’ का अर्थ है हर कदम पर बिखरती हुई चमक, जो सुंदरता और उसकी प्राकृतिक छटा को दर्शांती है।
  • अमराइययाँ घनी ‘अमराइयाँ घनी’ शब्दों का अर्थ है घने आम के बागान, जो प्राकृतिक समृद्धि और हरियाली का वर्णन करते हैं।
  • वंशी पुनीत ‘वंशी पुनीत’ का अर्थ है पवित्र बाँसुरी, जो हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाती है।

मिलान

स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलते-जुलते भाव वाली पंक्तियों को रेखा खींचकर जोड़िए

स्तंभ 1 स्तंभ 2
1. वह जन्मभूमि मेरी वह मातृभूमि मेरी। 1. यहाँ आम के घने उद्यान हैं जिनमें कोयल आदि पक्षी चहचहा रहे हैं।
2. चिड़ियाँ चहक रही हैं, हो मस्त झाड़ियों में। 2. मैंने उस भूमि पर जन्म लिया है। वह भूमि मेरी माँ समान है।
3. अमराइयाँ घनी हैं कोयल पुकारती है 3. वहाँ की जलवायु इतनी सुखदायी है कि पक्षी पेड़-पौधों के बीच प्रसन्नता से गीत गा रहे हैं।

उत्तर :

स्तंभ 1 स्तंभ 2
1. वह जन्मभूमि मेरी वह मातृभूमि मेरी। 2. मैंने उस भूमि पर जन्म लिया है। वह भूमि मेरी माँ समान है।
2. चिड़ियाँ चहक रही हैं, हो मस्त झाड़ियों में। 3. वहाँ की जलवायु इतनी सुखदायी है कि पक्षी पेड़-पौधों के बीच प्रसन्नता से गीत गा रहे हैं।
3. अमराइयाँ घनी हैं कोयल पुकारती है 1. यहाँ आम के घने उद्यान हैं जिनमें कोयल आदि पक्षी चहचहा रहे हैं।

अनुमान या कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए
(क) “अमराइयाँ’ घनी हैं
कोयल पुकारती है”
कोयल क्यों पुकार रही होगी? किसे पुकार रही होगी? कैसे पुकार रही होगी?
उत्तर :
वसंत श्रतु के आने से वहाँ की जलवायु इतनी सुखदायी है कि कोयल प्रसन्न होकर मधुर गीत गाकर अपने साथी व्र अन्य कोयल साथियों को पुकार रही होगी। कोयल मीठी और लयबद्ध स्वर में पुकार रही होगी।

(ख) “बहती मलय पवन है,
तन मन सँवारती है”
पवन किसका तन-मन सँवारती है? वह यह कैसे करती है?
उत्तर :
पवन सभी जीव-जंतुओं और मानव का तन-मन सँचारती हैं। मलय पवन अपनी शीतल हवा और सुगंध से सभी औवों का शारीरिक और मानसिक ताजगी प्रदान करती हैं।

शब्दों के रूप

नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।

(क) नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए
“जगमग छहा निराली,
पग पग छहर रही है”
इन पंक्तियों में पग’ शब्द दो बार आया है। इसका अर्थ है ‘हर पग’ या ‘हर कदम’ पर।
शब्दों के ऐसे ही कुछ जोड़े नीचे दिए गए हैं। इनके अर्थ लिखिए
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 1 Question Answer मातृभूमि 4
उत्तर :
घर-घर : हर घर, प्रत्येक घर। जैसे-“घर-घर में त्योहार की ध़म म्नं है।” अर्थात् हर घर में त्योहार का जश्न मनाया जा रहा है।
बाल-बाल : बहुत ही मुश्किल से संकट से बचना, बहुत ही कठिनाई से संकट से बचना; जैसे- ‘वह बाल-बाल बच गया।” तात्पर्य यह है कि वह बड़ी ही कठिनाई से संकट से बचा।
साँस-साँस :हर साँस, प्रत्येक साँस; जैसे-‘साँस-साँस में ईश्वर का नाम लेती हूँ।” तात्पर्य यह है कि हर साँस में ईश्वर को याद करती हूँ। देश-देश हर देश, अनेक देश। जैसे-‘उसने देश-देश की यात्रा की है।” तात्पर्य यह है कि उसने विभिन्न देशों की यात्रा की है।
पर्वत-पर्वंत : हर पर्वत, अनेक पर्वत। जैसे- “पर्वत-पर्वत की ऊँचाइयाँ नापी है।” तात्पर्य यह है कि उसने विभिन्न पर्वतों की ऊँचाइयाँ नापी है।

(ख)
“वह युद्ध-भूमि मेरी
वह बुद्ध-भूमि मेरी”
कविता में ‘भूमि’ शब्द में अलग-अलग शब्द जोड़कर नए-नए शब्द बनाए गए हैं। आप भी कुछ नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ पता कीजिए
(संकेत तप, देव, भारत, जन्म, कर्म, कर्तव्य, मरु, मलय, मल्ल, यज्ञ, रंग, रण, सिद्ध आदि)
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 1 Question Answer मातृभूमि 5
उत्तर :
तपोभूमि तपस्या की भूमि, जहाँ साधु-संत्त तप करते हैं।

  • देवभूमि देवताओं की भूमि, जहाँ देवता निवास करते हैं।
  • भारतभूमि भारत देश की भूमि।
  • जन्मभूमि जन्मस्थान, वह स्थान जहाँ व्यक्ति का जन्म हुआ हो।
  • कर्मंभूमि कार्य क्षेत्र, जहाँ व्यक्ति अपने जीवन का कार्य या कर्म करता है।
  • कर्तव्यभूमि कर्तव्य पालन की भूमि, जहाँ व्यक्ति अपने उत्तरदायित्वों का पालन करता है।
  • मरुभूमि रेगिस्तान, सूखी और बंजर भूमि।
  • मलयभूमि मलय पर्वत की भूमि, जहाँ से मलय पवन बहती है।
  • मर्लभूमि पहलवानों की भूमि, जहाँ मल्लयुद्ध या कुस्ती का अभ्यास होता है।
  • यज्ञभूमि यज्ञ करने की भूमि, जहाँ धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • रंगभूमि रंगमंच या नाटक का स्थान, जहाँ नाट्य प्रदर्शन होते हैं।
  • रणभूमि युद्धभूमि, जहाँ युद्ध होता है।
  • सिद्धभूमि वह पवित्र भूमि जहाँ सिद्ध योगी या साधु-महात्मा अपनी साधना द्वारा सिद्धी प्राप्त करते हैं।

थोड़ा भिन्न, थोड़ा समान

नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए
“जग को दया सिखाई,
जग को दिया दिखाया।”
‘दया’ और ‘दिया’ में केवल एक मात्रा का अंतर है, लेकिन इस एक मात्रा के कारण शब्द का अर्थ पूरी तरह बदल गया है। आप भी अपने समूह में मिलकर ऐसे शब्दों की सूची बनाइए, जिनमें केवल एक मात्रा का अंतर हो; जैसे-घड़ा-घड़ी।
उत्तर :

  • कला-किला
  • नाव-नींव
  • धन-धान
  • ताल-वला
  • ताल-होल
  • हाल-हिल
  • ताप-तोप
  • माल-मोल
  • बाल-बलि
  • वार-वीर
  • गाल-गोल
  • पार-पैर आदि।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) इस कविता में भारत का सुंदर वर्णन किया गया है। आप भारत के किस स्थान पर रहते हैं? वह स्थान आपको कैसा लगता है? उस स्थान की विशेषताएँ बताइए।
(संकेत प्रकृति, खान-पान, जलवायु, प्रसिद्ध स्थान आदि)
उत्तर :
में भारत के राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में रहता हूँ। जयपुर एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण शहर है, जिसे ‘गुलाबी नगरी’ भी कहा जाता है। यह शहर अपने राजसी महलों, किलों और सुंदर बागों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य बहुत आकर्षक और मनमोहक है। यहाँ अरावली पर्वतमाला की सुंदरता और मानसून के समय प्रकृति की हरियाली मन को मोह लेती है। यहाँ के प्रसिद्ध व्यंजन जैंसे दाल बाटी चूरमा, गटटे की सब्जी, केसर, पिस्ता, दूध व घेवर, मिठाई बहुत ही स्वादिष्ट होते है। यहाँ की जलवायु अर्द्ध-शुष्क है। गर्मियों में यहाँ का तापमान काफी बड़ जाता है, जबकि : दियों में तापमान बहुत घट जाता है। जयपुर में देखने योग्य कई प्रसिद्ध स्थान हैं; जैसे-आमेर का किला, हवा महल, जंतर-मंतर, सिटी पैलेस और नाहरगढ़ किला। ये सभी स्थानें न केवल ऐविहासिक महत्त्व रखते हैं, यल्कि अपनी वास्तुकल के लिए भी प्रसिद्ध है। जयपुर की इन विशेषताओं के कारण मुझे ये स्थान बहुत पसंद हैं और यहाँ रहकर मुझे गर्व महसूस होता है।

(ख) अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र के बारे में लिखिए। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको अच्छी लगती हैं?
उत्तर :
मेरे परिवार में मेरे पिताजी मेरे सबसे प्रिय सदस्य है। वे मेरे साथ मित्रवत व्यवहार करते हैं। मैं उनसे अपनी प्रत्येक बात साझा करता हूँ। उनकी बहुत-सी बातें मुझे अच्छी लगती है, जो मेरे जीवन के लिए प्रेरणास्पद भी हैं। मेरे पिताजी बहुत ही मेहनती और ईमानदार व्यक्ति हैं वे हमेशा अपने काम को पूरी लगन और निष्ठा के साथ करते हैं, मेरे पिताजी बहुत ही दयालु प्रवृत्ति के हैं। वे हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं और समाज़ येवा में भी योगदान देते है। मेरे पिताजी अपने परिवार के प्रति बहुत समर्पित हैं। वे हमारे प्रत्येक छोटे-बड़े सुख-दु:ख में साथ रहते हैं और हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखते है व्रे बहुत समझदार और धैर्यवान व्यक्ति हैं। कठिन परिस्थितियों में भी वे अपना धैर्य नहीं खोते और सोच-समझककर निर्णय लेते है। उनके ये सभी गुण मुझे बहुत पसंद है, जो मुझे हमेशा प्रेरित करते है, मैं सदैव उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास करता रहूँगा।

वंशी-से

“श्रीकृष्ण ने सुनाई,
वंशी पुनीत गीता”
‘वंशी’ बाँसुरी को कहते हैं। यह मुँह से फूँककर बजाया जाने वाला ‘वाद्य’ यानी बाजा है। नीचे फूँककर बजाए जाने वाले कुछ वाद्यों के चित्र दिए गए हैं। इनके नाम शब्द-जाल से खोजिए और सही चित्र के नीचे लिखिए वाद्यों के नामों का शब्द-जाल
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 1 Question Answer मातृभूमि 6
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 1 Question Answer मातृभूमि 7
उत्तर :
अलगोजा, बीन, वाँसुरी, सींगी, शहनाई, नादस्वरम, भंकोरा, शंख

आज की पहेली

आज हम आपके लिए एक अनोखी पहेली लाए हैं। नीचे कुछ अक्षर दिए गए हैं। आप इन्हें मिलाकर कोई सार्थक शब्द बनाइए। अक्षरों को आगे-पीछे किया जा सकता है अर्थात् उनका क्रम बदला जा सकता है। आप अपने मन से किसी भी अक्षर के साथ कोई मात्रा भी लगा सकते हैं। पहला शब्द हमने आपके लिए पहले ही बना दिया है।

NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 1 Question Answer मातृभूमि 8
उत्तर :
हिमालय, गंगा, भारत, लायक, पवन या पावन

झरोखे से

आप अपने विद्यालय में ‘वंदे मातरम्’ गाते होंगे। ‘वंदे मातरम्’ बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचा गया था। यह गीत स्वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत था। भारत में इसका स्थान ‘जन गण मन’ के समान है। क्या आप इसका अर्थ जानते-समझते हैं? आइए, आज हम पहले इसका अर्थ समझ लेते हैं, फिर समूह नें चर्चा करेंगे
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 1 Question Answer मातृभूमि 9
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

साझी समझ

आपने ‘मातृभूमि’ कविता को भी पढ़ा और ‘वंदे मातरम्’ को भी। अब कक्षा में चर्चा कीजिए और पता लगाइए कि इन दोनों में कौन-कौन-सी बातें एक जैसी हैं और कौन-कौन सी बातें कुछ अलग हैं।
उत्तर :
हात्र स्वयं करें।

खोजबीन के लिए

नीचे पाठ से संबंधित कुछ रचनाएँ दी गई हैं, इन्हें पुस्तक में दिए गए क्यू. आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।

स्वाधीनता की सरगम-वंदना के इन स्वरों में
ना हाथ एक शस्त्र हो
पुष्प की अभिलाषा
यह महिमामय अपना भारत
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

मातृभूमि Class 6 Summary Explanation in Hindi

प्रस्तुत कविता ‘मातृभूमि’ ‘सोहनलाल द्विवेदी’ द्वारा रचित है। इस कविता में कवि ने मुख्य रूप से अपनी मातृभूमि भारत माता की महिमा का बखान किया है, जिसमें उन्होंने भारत माता की भौगोलिक विशेषताओं के साथ-साथ उनके प्राकृतिक सौदर्य का भी वर्णन किया है।

NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 1 Question Answer मातृभूमि 1

कवि ने भारत माता को वीर महापुरुषों की जन्मभूमि कहा है, क्योंकि इसी जन्मभूमि मे राम, सीता, कृष्ण और गौतम बुद्ध जैसे महापुरुषों ने जन्म लिया है और इन्होंने अपने आदर्श-चरित्र, गीता के उपदेश तथा दया और ज्ञान के प्रकाश से मनुष्य जाति को प्रेरणा दी। अतः हमें अपनी मातृभूमि भारत माता पर गर्व करना चाहिए। कविता में कवि ने मातृभूमि को पुण्यभूमि, स्वर्णभूमि, धर्मभूमि, कर्मभूमि, युद्धभूमि तथा बुद्धभूमि जैसे अनेक नामों से संबोधित किया है।

काव्यांशों की विस्तृत व्याख्या :

काव्यांश 1

ऊँचा खड़ा हिमालय
आकाश चूमता है,
नीचे चरण तले झुक,
नित सिंधु झूमता है।
गंगा यमुना त्रिवेणी,
नदियाँ लहर रही है,

जगमग छछटा निराली,
पग पग छहर रही हैं।
वह पुण्यभूरूमि मेरी.
वह स्वर्णभूमि मेरी।
वह जन्मभूमि मेरी,
वह मातृर्भूमि मेरी।

शब्दार्थ :

  • चरण – पैर
  • नित- रोजाना
  • सिंधु – सागर
  • लहर – पानी का हिलौरा अथवा मौज
  • छटा – शोभा
  • छहर – विखरने की क्रिया या फैलना
  • पुण्यभूमि – पुण्य कर्मों की भूमि
  • स्वर्णभूमि – सोने की भूमि।

संदर्भ : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मल्हार’ में संकलित ‘मातृभूमि’ कविता से ली गई है। इसके रचयिता ‘सोहनलाल द्विवेदी’ हैं।

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने अपनी मातृभूमि की भौगोलिक व प्राकृतिक सुंदरता के विषय में बताया है।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि ने भारत के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ उसकी गौरवगाथा व महानता का भी वर्णन किया है। कवि कहता है कि भारत की उत्तर : दिशा में विशाल हिमालय पर्वत है, जो आकाश की ऊँचाइयों को छूता है तथा भारत के दक्षिण में स्थित हिंद महासागर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे वह भारत माता के चरगों की स्पर्श कर रहा है। पवित्र भारत-भूमि पर गंगा, यमुना व सरस्वती जैसी पात्वन नदियाँ अपनी छटा बिखेरती हुई व त्रिवेणी में संगम (समाहित) करती हुई भारत-भूमि की शोभा बढ़ा रही है। कवि अपनी जन्मभूमि की गौरवगाथा का वर्णन करते हुए कहता है कि यह भारत-भूमि पूण्यभूमि’ है, क्योंकि इस भूमि पर पवित्र नदियाँ वहती हैं और यहाँ पर्वत, पहाड़, नदियों आदि को पूजा जाता है। कवि कहता है कि भारत एक दृषि प्रधान देश है, यहाँ की भूमि अत्यधिक उपजाक है, जिस पर फसल रुपो सोना उगता है। इसी कारण यह मेरी जन्मभूमि स्वर्णभूमि भी कहलाती है। कवि को अपनी जन्मभूमि पर गर्व है कि यही हमारी मातृभूमि है। स्वर्णभूमि, जन्मभूमि, मातृभूमि समस्त मानव जाति के लिए सदियो से प्रेरणा स्रोत रही है तथा इसी प्रकार आगे भी सभी का मार्गदर्शन करती रहेगी।

विशेष :

  • उत्तर में खड़ा हिमालय भारत के गौरव का प्रतीक है।
  • इसमें त्रिवेणी संगम का वर्णन किया है।
  • कवि ने गर्ब से इसे अपनी मातृभूमि, पुण्यभूभि और रवर्णभूमिं कहकं। संबाधित किया है।

काव्यांश 2

झरने अनेक झरते
जिसकी पहाड़ियों में,
चिड़ियाँ चहक रही हैं,
हो मस्त झाड़ियों में।
अमराइयाँ घनी हैं
कोयल पुकारती है,

बहती मलय पवन है,
तन-मन संवारती है।
वह धर्मभूमि मेरी,
वह कर्मभूमि मेरी।
वह जन्मभूमि मेरी
वह मातृभूमि मेरी।

शब्दार्थ :

  • गिरते है,
  • आम के बाग,
  • बहुत सारे,
  • एक पर्वत (जो दक्षिण भारत में स्थित है),
  • हवा, -शरीर,
  • आत्मा,
  • सजाती है।

संदर्भ : पूर्ववत्।

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि अवनी मातृभूमि की प्रशंसा करते हुए गर्व मढ़सूस करता है कि उसने इस धर्मरूमि और कर्मभूमि पर जन्म लिया है।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि अपनी मातृभूमि भारत की प्राकृतिक सुंदरता और भौगोलिक विशेषताओं की प्रशंसा करते हुए उएकी महिमा का गुणगान करता है। कवि कहता है कि भारत भूमि एक ऐसी मिं है, जहाँ पर्वतों से बहते झरनों का संगीत सुनाई देता है और जिनकी कल- जन ध्वनि मन को आनंदित कर देती है। यहाँ की जलवायु इतनी सुखदायी है कि पहाड़ियों में ठगे पेड़-पौधों में चिड़ियाँ प्रसन्नता से चहचहाती हैं।

घने आम के बगीचों में कोयल के मधुर गीत गूँजते है, इन पक्षियों की चहचहाहट और मधुर ध्वनि वातावरण में जैसे मिठास-सी घोल देते हैं। मलय पर्वत की सुगंधित हवा हमारे तन-मन को सँवारती है अर्थात् हमें शारीरिक एवं मानसिक रूप से आनंदित कर देती है। कवि ने भारतरूमि को धर्मभूमि कहा, क्योंकि यहाँ अनेक धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं का जन्म और विकास हुआ है। यहाँ के लोग धर्म में आस्था रखते हैं तथा सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। कवि ने इसे कर्मभूमि भी कहा है, क्योंकि यहाँ के लोग कर्म करने पर विश्वास करते हैं तथा कर्म की प्रधानता को सर्वप्रमुख मानते हैं।

कवि गर्व के साथ कहता है कि मुझे खुशी है कि मैंने ऐसी महान भूमि पर जन्म लिया, जो मेरी मातृभूमि है। इस पवित्र भूमि की विशेषताएँ मुझे गौरव का अनुभव कराती हैं, जिससे मेरा मन अपनी मातृभूमि के प्रति असीम प्रेम और श्रद्धा से भर जाता है।

विशेष :

  • कवि ने झरनों के बहने, चिड़ियों के चहकने, कोयल के गीत आदि के माध्यम से प्रकृति का मनमोहक चित्रण किया है।
  • कवि ने अपनी मात्मूमि को धर्म भूमि तथा कर्मभूमि कहकर संबोधित किया है।

काव्यांश 3

जन्मे जहाँ थे रघुपति,
जन्मी जहाँ थी सीता,
श्रीकृष्ण ने सुनाई,
वंशी पुनीत गीता।
गौतम ने जन्म लेकर,
जिसका सुयश बढ़ाया,

जग को द्या सिखाई,
जग को दिया दिखाया।
वह युद्ध-भूमि मेरी,
वह बुद्ध-भूमि मेरी।
वह मातृर्भूमि मेरी,
वह जन्मभूमि मेरी।

शस्दार्थ :

  • संसार
  • राम
  • पवित्र
  • मार्गदर्शन किया।
  • प्रसिद्धि
  • विश्व या

संदर्भ : पूर्ववत्।

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि भारतमूमि पर जन्म लेने वाले भगवान राम, सीता, कृष्ण और गौतम बुद्ध जैसे महापुरुषों की मत्रिमा का गान करते हुए स्वयं को धन्य मानता है कि उसका जन्म इस पावन भूमि पर हुआ है।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने भारत की पवित्र भूमि पर गर्व करते हुए उसकी महिमा का गुणगान किया है। कवि कहता है कि यह वह पावन भूमि है, जिस पर राम व सीता माता का जन्म हुआ है। पुरुषोत्तम राम जहाँ प्रीति, सम्मान, शिष्टाचार व सत्य के प्रतीक हैं वहीं माता सीता करुणा, मातृत्व और सहनशक्ति की प्रतीक है। इस पावन भारत भूमि पर श्रीकृष्ण ने अपनी मधुर बाँसुरी की धुन से गोपियों के मन को मोहित किया, सच्चे प्रेम का महत्त्व बताया तथा महाभारत के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश देकर धर्म और कर्म का पाठ भी पढ़ाया है।

कवि आगे कहता है कि यह वह भारत भूमि है, जहाँ गौतम बुद्ध ने इसके सुयश को बढ़ाया, विश्व को दया, करुणा और अहिंसा का संदेश देकर दया आदि भाव सिखाए एवं संसार को एक नई राह दिखाकर सभी को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।

भारत की यह पावन भूमि युद्धभूमि भी है, क्योंकि ख्रहाँ महाभारत और राम-रावण का युद्ध हुआ, जो अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक हैं। कवि ने इस भूमि को बुद्धूमि कहकर भी संबोधित किया है, क्योंकि यहाँ गौतम बुद्ध का जन्म हुआ, जिन्होंने अपनी शिक्षा व दीक्षा से दुनिया को शांति और सहिष्णुता का मार्ग दिखाया। कवि इस बात पर गर्व करता है कि उसका जन्म इस पवित्र, महान, धार्मिक और सांस्कृतिक गुणों से परिपूर्ण मातृभूमि पर हुआ है, जो उनकी मातृभूमि और जन्मभूमि है।

विशेष :

  • कवि ने भारतीय संस्कृति को चित्रित किया है।
  • कवि ने अपनी मातृभूमि को युद्धभूमि और बुद्धभूमि कहकर संबोधित किया है।

Malhar Class 6 Book Solutions