CBSE Class 6 Hindi Vyakaran विराम-चिह्न
विराम-चिह्न का अर्थ एवं परिभाषा
विराम का शाब्दिक अर्थ होता है-रुकना या ठहरना। अपने भावों या विचारों को स्पष्ट रूप से प्रकट करने के लिए वाक्य लिखते समय हम थोड़ा विराम लेते हैं, इस विराम को प्रकट करने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें ही विराम-चिह्न कहते हैं।
विराम-चिद्नों के प्रयोग से अर्थ में भिन्नता आती है; जैसे-
- संभव रुको, मत पढ़ो।
- संभव रुको मत, पढ़ो।
हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख विराम-चिह्न निम्नलिखित हैं
विराम | चिह्न |
पूर्ण विराम | (।) |
अल्प विराम | (.) |
अर्द्धविराम | (;) |
प्रश्नवाचक चिह्न | (?) |
विस्मयादिबोधक चिह्न | (!) |
योजक चिह्न | (-) |
निर्देशक चिह्न | (—) |
उद्धरण चिह्न | (‘ ‘) (” “) |
कोष्ठक | () |
लाघव चिह्न | (०) |
हंसपद चिह्न | λ |
पूर्ण विराम (।)
वाक्यों की समाप्ति पर पूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता है।
- मुझे पढ़ने का शौक है।
- आज ठंडी हवा चल रही है।
अल्प विराम (,)
दो शब्दों, उपवाक्यों या वाक्यों के बीच जब बहुत कम समय के लिए रुकना होता है, तब अल्प विराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है। अल्प विराम का प्रयोग निम्नलिखित रूप से होता है
एक प्रकार के शब्दों को पृथक् करने के लिए; जैसे-
विमल, विक्रांत और विनीता यहाँ आ रहे हैं।
एक जैसे वाक्यांशों के मध्य; जैसे-
मैंने पाठ पढ़ा, प्रश्नोत्तर लिखा और अध्यापिका को दिखाया।
हाँ, नहीं, नि:संदेह, सचमुच, वस्तुत:, बेशक आदि शब्दों के पश्चात्; जैसे-
- हाँ, मैं फल लाया हूँ।
- नहीं, मैं यह काम नहीं करूँगा।
तारीख और सन् को अलग करने के लिए; जैसे-
15 अगस्त, 1947
उद्धरण से पूर्व; जैसे-
महात्मा गाँधी ने कहा, “करो या मरो”।
शब्दयुग्मों के मध्य; जैसे-
लाभ-हानि, जीवन-मरण, यश-अपयश विधाता के हाथ में हैं।
विशेषण उपवाक्य वाक्य के बीच में आने पर; जैसे-
वे छात्र, जिन्होंने स्वच्छता अभियान में भाग लिया है, स्टेज पर आ ज्ञाएँ।
पत्र-लेखन में अभिवादन और समापन के पश्चात्; जैसे-
पूज्या माताजी, आपका प्रिय पुत्र, भवदीय आदि।
संबोधन शब्दों के बाद तथा संबोधन शब्द बीच में हो तो उससे पहले और बाद में; जैसे-
- दोस्तों, मेरी बात तो सुनो।
- इधर आओ, सुमन, मेरी बात सुनो।
दो वाक्यों के बीच में समुच्चयबोधक शब्द से पहले; जैसे-
राधा घर चली गई, क्योंकि उसे बुखार था।
अर्द्धविराम (;)
जब वाक्य में पूर्ण विराम से कम तथा अल्प विराम से कुछ अधिक समय तक रुकना हो, वहाँ अर्द्धविराम चिह्ह का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
हिम्मत न हारो; चलो लड़ो। चलो; खेलते हैं।
प्रश्नवाचक चिह्न (?)
इस चित्न का प्रयोग प्राय: प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में किया जाता है; जैसे-
- तुम कहाँ जा रहे हो?
- कल कब आओगे?
विस्मयादिबोधक चिह्न या विस्मयसूचक चिह्न (!)
जिन वाक्यों या शन्दों से आश्चर्य, घृणा, हर्ष, शोक आदि का भाव प्रकट हो, उनके अंत में इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
- कितना सुंदर घर है! (आश्चर्य)
- ओह! ये तो बुरा हुआ। (दु:ख)
योजक चिह्न (-)
दो समानार्थी, निरर्थक तथा विपरीतार्थीं शब्दों को जोड़ने के लिए योजक चिह का प्रयोग होता है; जैसे-
- माँ ने कहा कि जीवन में सुख-दु:ख आते रहते हैं।
- आज तो माता-पिता मंदिर गए हैं।
निदेंशक चिद्ध (-)
किसी बात का उदाहरण देने के लिए तथा वक्ता के नाम के बाद निर्देशक चिह्न लगाते हैं; जैसे-
- हिंदी में लिंग दो प्रकार के होते हैं-स्त्रीलिंग और पुल्लिग।
- पिताजी ने पूछा-बेटे, धोनी ने कितने रन बनाए?
उद्धरण चिह्न (‘–’) (“–”)
उद्धरण चिह्न दो प्रकार के होते हैं-इकहरा उद्धरण तथा दोहरा उद्धरण चिह्न।
किसी लेखक के उपनाम, पुस्तक, कविता, कहानी के नाम को इकहरे (‘ ‘) उद्धरण चिह्ह द्वारा दर्शाया जाता है; जैसे-
- ‘गौतांजलि’ रवींद्रनाथ ठाकुर की सर्वश्रेष्ठ कृति है।
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिदी के प्रख्यात कवि थे।
किसी के कथन को ज्यों-का-त्यों उद्दृध करने के लिए दोहरा उद्धरण चिह (” “) लगाया जाता है; जैसे-
- राकेश ने कहा था, “मैं कल दिल्ली जाऊँगा।”
- भारतेंदु ने कहा था, “देश को राष्ट्रीय साहित्यिय चाहिए।”
कोष्ठक ( )
किसी शब्द का अर्थ स्पष्ट करने तथा नाटक में पात्रों के कथन से पूर्व के भाव को दर्शाने के लिए कोष्ठक का प्रयोग किया जाता है; जैसे-
- तुम्हारे सतत (लगातार) प्रयास का फल आज्ज तुम्हें मिला है।
- राजा (क्रोधित होकर)-इसे कारागार में डाल दिय जाए।
लाघव चिह्न (०)
किसी बड़े शब्द को संक्षिप्त करके लिखने के लिए उस शब्द के पहले अक्षर के बाद लाघव चिह्न लगाया जाता है; जैसे-
- प्रो० वर्मा आज कक्षा में नहीं आएँगे।
- डॉ० राजेंद्र प्रसाद हमारे देश के पहले राष्ट्रपति थे।
हंसपद या त्रुटिपूरक चिह्न
वाक्य लिखते समय जब कोई शब्द या अंश छूट जाए, तो उसे लिखने के लिए हंसपद या त्रुटिपूरक चिह लगाया जाता है; जैसे-
अभ्यास-प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प छाँटिए
प्रश्न 1.
हर्ष, शोक, आश्चर्य प्रकट करने के लिए किस चिह्न का प्रयोग किया जाता है?
(क) पूर्ण विराम
(ख) हंसपद
(ग) विस्मयसूचक
(घ) योजक
उत्तर:
(ग) विस्मयसूचक
प्रश्न 2.
किसी कथन वो ज्यों-का-त्यों लिखने के लिए कौन-सा चिद्न लगाते हैं?
(क) अर्द्धविराम
(ख) योजक
(ग) उद्धरण चिह्न
(घ) पूर्ण विराम
उत्तर:
(ग) उद्धरण चिह्न
प्रश्न 3.
शब्द को छोटा करते समय बि५ चिद्न का प्रयोग करते हैं?
(क) लाघव चिन्न
(ख) हंसपद
(ग) निर्देशक
(घ) योजक
उत्तर:
(क) लाघव चिन्न
प्रश्न 4.
किसी शब्द या वाक्यांश का अर्थ स्पष्ट करने के लिए किस चिह्न का प्रयोग करते हैं?
(क) अल्प विराम
(ख) कोष्ठक
(ग) उद्धरण
(घ) योजक
उत्तर:
(ख) कोष्ठक
प्रश्न 5.
जिस वाक्य में कुछ पूछा जाता है, उसमें किस चिह्न का प्रयोग करते हैं?
(क) पूर्ण विराम
(ख) प्रश्नवाचक
(ग) अर्द्धविराम
(घ) हंसपद
उत्तर:
(ख) प्रश्नवाचक
निम्नलिखित वाक्यों में से सही विराम-चिह्नों वाला वाक्य छाँटिए
प्रश्न 1.
(क) गीता सीता; गीमा घर जा रही हैं।
(ख) गीता; सीता-रीमा घर जा रही हैं।
(ग) गीता, सीता और रीमा घर जा रही हैं।
(घ) गीता-सीता, रीमा घर जा रही हैं।
उत्तर:
(ग) गीता, सीता और रीमा घर जा रही हैं।
प्रश्न 2.
(क) राजा ने कहा-इस चोर को फाँसी पर लटका दो?
(ख) राजा ने कहा ‘इस चोर को फॉँसी पर लटका दो।’
(ग) “राजा ने कहा”, इस चोर को फाँसी पर लटका दो।
(घ) राजा ने कहा, “इस चोर को फाँसी पर लटका दो।”
उत्तर:
(घ) राजा ने कहा, “इस चोर को फाँसी पर लटका दो।”
प्रश्न 3.
(क) आप कहाँ रहते हो!
(ख) आप कहाँ रहते हो?
(ग) आप कहाँ रहते हो।
(घ) आप, कहाँ रहते हो?
उत्तर:
(ख) आप कहाँ रहते हो?
प्रश्न 4.
(क) वह दिन, रात काम करता है?
(ख) वह दिन; रात काम करता है।
(ग) वह दिन-रात काम करता है।
(घ) वह दिन; रात, काम करता है?
उत्तर:
(ग) वह दिन-रात काम करता है।
मिलान कीजिए
(i) पूर्ण विराम – (क) (.)
(ii) अल्प विराम – (ख) (!)
(iii) विस्मयादिबोधक – (ग) (।)
(iv) योजक चिह्न – (घ) (०)
(v) लाघव चिह्न – (ङ) (-)
उत्तर:
(i) पूर्ण विराम – (ग) (।)
(ii) अल्प विराम – (क) (.)
(iii) विस्मयादिबोधक – (ख) (!)
(iv) योजक चिह्न – (ङ) (-)
(v) लाघव चिह्न – (घ) (०)
नीचे दिए गए वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए
(क) हमें सभी त्योहार होली दिवाली ईद तथा क्रिसमस मिलकर मनाने चाहिए
(ख) माँ ने बेटे को पुकारा रोहन बेटा उठो स्कूल को देरी हो रही है
(ग) प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे हमारी माँगें पूरी करो
(घ) कृपया पृष्ठ उलटिए का संक्षिप्त रूप है कृ पृ उ
(ङ) छि: तुमने तो नाम ही ड़ुबो दिया
उत्तर:
(क) हमें सभी त्योहार-होली, दिवाली, ईद तथा क्रिसमस मिलकर मनाने चाहिए।
(ख) माँ ने बेटे को पुकारा-रोहन बेटा! उठो, स्कूल को देरी हो रही है।
(ग) प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे – ‘हमारी माँगें पूरी करो।’
(घ) कृपग्मा पृष्ठ उलटिए का संक्षिप्त रूप है-कृ. पृ. उः।
(ङ) छि:! तुमने तो नाम ही डुबो दिया।
नीचे दिए गए कथन के आगे (✓) और (✗) का चिह्न लगाइए
(क) योजक चिह्ह शब्द-युग्मों के मध्य लगाया जाता है।
उत्तर:
(✓)
(ख) प्रश्नसूचक वाक्य के अंत में विवरण चिह्न का प्रयोग होता है।
उत्तर:
(✗)
(ग) कोष्ठक का चिह्न (,) होता है।
उत्तर:
(✗)
(घ) विराम का अर्थ रुकना है।
उत्तर:
(✓)
(ङ) विस्मयादिबोधक प्रश्न करते समय प्रयोग करते हैं।
उत्तर:
(✗)
(च) हंसपद का प्रयोग कोई शब्द छूट जाने के स्थान पर प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
(✓)
नीचे दिए गए प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए
(i) विराम-चिह्न किसे कहते हैं?
(ii) विराम-चिह्न कितने प्रकार के होते हैं?
(iii) विराम-चिहों का प्रयोग क्यों आवश्यक है?
(iv) विराम-चिहों के भेदों के नाम लिखिए।