CBSE Class 6 Hindi Vyakaran वर्ण-विचार
वर्ण का अर्थ एवं परिभाषा
भाषा की वह सबसे छोटी इकाई, जिसके और टुकड़ें न किए जा सकें, वर्ण कहलाती है। वर्ण भाषा का आधार होते है, जिनसे शब्दों की रचना होती है।
किसान फसल उगाएगा।
किसान = क् + इ + स् + आ + न् + अ
फसल = फ + अ + स् + अ + ल् + अ
उगाएगा = उ + ग् + आ + ए + ग् + आ
उपरोक्त वाक्य तीन शब्दों से मिलकर बना है। यहाँ ‘किसान’, ‘फसल’ और ‘उगाएगा’ तीनों ही शब्द वर्णों से बने हैं। इनके और टुकड़े करना संभव नहीं है।
वर्णमाला
वर्णों के व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी में वर्णमाला में 52 वर्णु होते हैं-11 स्वर (अ से औ तक), 2 ‘अयोगवाह (अं तथा अ:), 33 व्यंजन (‘क’ से ‘ह’ तक), 2 द्विगुण (ड़, ढ़) तथा 4 संयुक्त व्यंजन (क्ष, त्र, ज्ञ, श्र)।
वर्णों के भेद
वर्णों के दो भेद होते हैं-स्वर व व्यंजन।
स्वर
वे वर्ण जिनके उच्चारण में किसी अन्य वर्ण की सहायता की आवश्यकता नहीं होती, उन्हें स्वर कहते हैं; जैसे-अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ। स्वर के तीन भेद होते हैं
(i) हुस्व स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत कम (एक मात्रा का) समय लगता है, उन्हें हस्व स्वर कहते हैं। इनकी संख्या चार होती है-अ, इ, उ और ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहा जाता है।
(ii) दीर्घ स्वर जिन स्वरों के उचचारण में हस्व स्वर से दोगुना (दो मात्रा का) समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। इनकी संख्या सात है-आ, ई, क, ए, ऐ, ओ और औ।
(iii) प्लुत स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में हस्व स्वर से तीन गुना (तीन मात्रा का) समय सगता है, उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। यह केवल एक है। इसका चिह्न ‘s’ है। इसका प्रयोग प्राय: किसी को दूर से पुकारने के लिए किया जाता है; जैसे-ओडम, राडम, हेडs आदि।
स्वरों की मात्राएँ
जब शब्दों की शुरुआत स्वर से होती है, तो उन्हें मूल रूप में लिखा जाता है, जबकि व्यंजन के साथ इनका प्रयोग मूल रूप में न करके (निश्चित चिहल) मात्रा के रूप में किया जाता है।
प्रत्येक स्वर के लिए अलग-अलग मात्राएँ निश्चित हैं। इन्हीं मात्राओं के रूप में ये स्वर व्यंजन से जुड़ते हैं।
उदाहरण
व्यंजन
जिन वर्णों के उच्चारण में स्वरों की मदद लेनी पड़ती है तथा जिनका उच्चारण स्वतंत्र रूप से नहीं किया जा सकता है, उन्हें व्यंजन कहते हैं; जैसे-क, ख, ट, फ, य, ह आदि। व्यंजन के तीन भेद होते हैं-
(i) स्पर्श व्यंजन जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में हवा मुँह के विभिन्न भागों को छूती हुई या स्पर्श कर बाहर निकलती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं। इन्हें वर्गीय व्यंजन भी कहते हैं। इनकी संख्या 25 होती है।
(ii) अंतःस्थ व्यंजन जिन व्यंजनों का उच्च्चारण करते समय जीभ, मुँह के किसी भी भाग को पूरी तरह से स्पर्श नहीं करती है और न स्वरों के समान स्वतंत्र रूप से बाहर निकलती है, उन्हें अंत:स्थ व्यंजन कहा जाता है। इनका उच्चारण स्वर एवं व्यंजन के बीच का होता है। इनकी संख्या चार है-य, र, ल और व।
(iii) ऊष्म व्यंजन जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा मुँह से रगड़ खाकर ऊष्मा (गर्मीं) पैदा करती है, उन्हें ऊष्म व्यंजन कहते हैं। इनकी संख्या चार है-श, ष, स और ह।
अनुस्वार
वह स्वर, जिसका उच्चारण करते समय वायु केवल नाक से निकलती है, अनुस्वार कहलाता है। यह अपने प्रथम वर्ण बिंदु रूप में लगाया जाता है। इसका प्रयोग पंचम वर्णों के स्थान पर भी किया जाता है; जैसे-गङगा-गंगा, चञ्चल-चंचल, ठण्डा-ठंडा आदि।
अनुनासिक
वह स्वर, जिसका उच्चारण नाक और मुँह दोनों से होता है, अनुनासिक कहलाता है। इसे प्रकट करने के लिए शिरोरेखा के ऊपर चंद्रबंदु लगाया जाता है; जैसे-आँख, गाँव, पाँव, चाँद आदि। जिन शब्दों में शिरोरेखा के ऊपर मात्रा होती है, वहाँ अनुनासिक का प्रयोग बिंदु के रूप में किया जाता है; जैसे-में, गोंद, होंगे, भोंपू, कोंपले आदि।
विसर्ग (:)
वर्णों के आगे जो दो बिंदु (:) लगाए जाते हैं, उन्हे विसर्ग कहते हैं। इसका उच्चारण ‘ह’ के समान होता है; जैसे-प्राय:, मन: आदि। इसका प्रयोग प्राय: संस्कृत शब्दों के साथ होता है।
आगत ध्वनियाँ
हिंदी में अंग्रेजी और उर्दू भाषा के शब्द निरंतर प्रवेश कर रहे हैं, किंतु इनके शुद्ध उच्चारण के लिए हिंदी में लिपि चिह्ह नहीं है। इसलिए इनको शुद्ध रूप में लिखने के लिए हिंदी के व्यंजनों के नीचे एक बिंदु लगाया जाता है, जिसे नुक्ता कहते हैं; जैसे-जिंदगी, कर्जी, फ़न, रोज़ आदि। ‘ओं’ यह धव्वनि अंग्रेजी भाषा से आई है। इसे आ के ऊपर अर्द्धचन्द्राकार रूप में लगाया जाता है; जैसे-मॉल, हॉकी आदि।
वर्ण संयोग
वर्णों का परस्पर मेल वर्ण संयोग कहलाता है। यह दो प्रकार से होता है
(i) व्यंजनों तथा स्वरों का मेल बिना स्वरों के व्यंजनों का उच्चारण नहीं किया जा सकता। बिना स्वर के व्यंजन को लिखने पर उसके नीचे एक पड़ी रेखा (हलंत) लगाते हैं; जैसे-क्य, ख् आदि। व्यंजनों तंथा स्वरों का मेल करने पर व्यंजन के नीचे से हलंत या हल चिह्न को हटा देते हैं; जैसे- क् + अ = क, त् + ई = ती आदि।
(ii) व्यंजन तथा व्यंजन का मेल व्यंजन से व्यंजन को मिलाने के कुछ नियम होते हैं, जो इस प्रकार हैं
पाई (व्यंजनों के आगे लगी एक खड़ी रेखा; जैसे-ख, ग, घ, ज आदि) वाले व्यंजन को किसी व्यंजन से मिलाने पर उसकी पाई को हटा देते हैं; जैसे-भाग्य, अस्त, सज्जन आदि।
‘क’ और ‘फ’ व्यंजनों को किसी व्यंजन से मिलाने पर उनके झुके हुए भाग (घुंडी) को हटा देते हैं; जैसे-क्यारी, रफ्तार आदि।
बिना पाई वाले व्यंजन को किसी व्यंजन से मिलाने पर हल चिह के साथ लिखते हैं या उन्हें मिला देते हैं; जैसेविद्या/विघ्रा, बुद्धि/बुद्धि, चिह्न/चिह आदि।
‘र’ के विभिन्न रूप
(i) ‘
र’ का स्वर रहित रूप किसी व्यंजन के पूर्व आने पर अगले वर्ण पर रेफ के रूप में लगता है; जैसे-धर्म, कर्तव्य, वर्षा, अर्पण आदि।
(ii) ‘र’ का स्वर सहित रूप किसी व्यंजन के बाद आने पर उस व्यंजन के निचले भाग में जुड जाता है। इसे पदेन कहा जाता है; जैसे-प्रमोद, व्रत, वज्ञ, भ्रम, क्रम, ग्रह आदि।
(iii) ‘र’ का स्वर युक्त रूप ‘ट’ एवं ‘ड’ वर्णों के साथ अलग रूप धारण कर लेता है; जैसे-ट्रक, ड्रामा आदि।
(iv) ‘त्’ के साथ ‘र’ मिलकर ‘त्र’ और श् के साथ मिलकर ‘श्र’ बन जाता है; जैसे-त्रिकोण, मंत्र, श्रमिक, परिश्रम आदि।
वर्ण-विच्छेद
किसी शब्द में प्रयुक्त वर्णों को अलग-अलग करके लिखना ही वर्ण-विचछेद कहलाता है; जैसे-
अचल = अ + च् + अ + ल + अ
बादल = ब् + आ + द् + अ + ल् + अ
दिवाकर = द + इ + व् + आ + क् + अ + र् + अ
कुर्सी = क् + उ + र् + स् + ई
अभ्यास-प्रश्न :
निम्नलिखित प्रश्नों के दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प छाँटिए
प्रश्न 1.
हिंदी की वर्णमाला में मुख्य रूप से कितने व्यंजन हैं?
(क) 25
(ख) 30
(ग) 33
(घ) 37
उत्तर:
(ग) 33
प्रश्न 2.
स्वर को बोलने में किसकी सहायता लेनी पड़ती है?
(क) स्वरों
(ख) व्यंजनों
(ग) अक्षरों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(घ) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 3.
संयुक्ताक्षर ‘क्ष’ किसके मिलने से बना है?
(क) क् + स् + अ
(ख) क् + ष + अ
(ग) क् + श् + अ
(घ) क + ष + अ
उत्तर:
(ख) क् + ष + अ
प्रश्न 4.
स्वर के कितने भेद होते हैं?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर:
(ग) तीन
प्रश्न 5.
र् + ऊ + प् + आ मिलकर बनता है
(क) रुप
(ख) रूपा
(ग) रुपा
(घ) रूप
उत्तर:
(ख) रूपा
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
ग्यारह, अंतःस्थ, त, थ, द, ध, न, अं, अः, ख, ग, ज्ञ, फ़, ऑ,
(क) हिंदी में स्वरों की संख्या ……… है।
उत्तर:
ग्यारह
(ख) त वर्ग में ……… वर्ण आते हैं।
उत्तर:
त, थ, द, घ, न
(ग) य, र, ल, व ………. व्यंजन कहलाते हैं।
उत्तर:
अंतःस्थ
(घ) ………… को अयोगवाह कहते है।
उत्तर:
अं, अ:
(ङ) आगत व्यंजन ……… हैं।
उत्तर:
ख, ग, ज़, फ़, ऑ
सही के लिए (✓) अथवा गलत के लिए (✗) का निशान लगाइए
(क) ऑ हिंदी का मूल स्वर है।
उत्तर:
[✗]
(ख) व्यंजनों का उच्चारण बिना किसी स्वर की सहायता से होता है।
उत्तर:
[✗]
(ग) प्रत्येक व्यंजन में ‘अ’ स्वर उपस्थित रहता है।
उत्तर:
[✓]
(घ) प्लुत स्वर व्यंजन का एक भेद है।
उत्तर:
[✗]
(ङ) संयुक्त व्यंजन दो होते हैं।
उत्तर:
[✓]
(च) व्यंजन के तीन भेद होते हैं।
उत्तर:
[✓]
(छ) ड़ व ढ़ शब्द के शुरू में लगते हैं।
उत्तर:
[✗]
मिलान कीजिए –
(i) अ, इ, उ, ॠ | (क) द्वित्वे व्यंजन |
(ii) प्, फ, ब्, भ्, म् | (ख) संयुक्त व्यंजन |
(iii) क्ष, त्र, ज्ञा, श्र | (ग) मूल स्वर |
(iv) ि | (घ) रेफ |
(v) आ, ई, ऊ, ऐ | (ङ) वर्ग |
(vi) क्क | (च) दीर्घ स्वर |
उत्तर:
(i) अ, इ, उ, ॠ | (ग) मूल स्वर |
(ii) प्, फ, ब्, भ्, म् | (ङ) वर्ग |
(iii) क्ष, त्र, ज्ञा, श्र | (ख) संयुक्त व्यंजन |
(iv) ि | (घ) रेफ |
(v) आ, ई, ऊ, ऐ | (च) दीर्घ स्वर |
(vi) क्क | (क) द्वित्वे व्यंजन |
निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए
(क) विद्यालय
(ख) परीक्षा
(ग) परिश्रम
(घ) सूयोंदय
(ङ) आवास
(च) पंखा
उत्तर:
(क) व् + इ + द् + य् + आ + ल् + अ + य् + अ
(ख) प् + अ + र् + ई + क् + ष् + आ
(ग) प् + अ + र् + इ+ श् + र् + अ + म् + अ
(घ) स् + ऊ + र् + य् + ओ + द् + अ + य् + अ
(ङ) आ + व् + आ + स् + अ
(च) प् + अं + ख् + आ
निम्नलिखित व्यंजनों के संयोग से बनने वाले दो-दो शब्द बनाइए
(क) च् + ट = ………
(ख) ज् + ज् + अ = …….
(ग) ल् + ल् = ……
(घ) क + घ + अ = …….
(च) त् + र = ……
उत्तर:
(क) कष्ट, दुष्ट
(ख) ज्ञान, विज्ञान
(ग) पल्लव, पल्ला
(घ) क्षत्रिय, क्षितिज
(ङ) श्रम, विश्राम
(च) पत्र, मित्र
निम्नलिखित वर्णों के संयोग से बनने वाले शब्द लिखिए
(क) भ् + आ + ट् + अ + त् + अ = …………
(ख) ज् + च् + आ + न् + अ् + व् + आ + च् + अ = ……….
(ग) न् + इ + द् + आ + न् + अ = ………..
(घ) व् + य् + आ + क् + अ + र् + अ + ण् + अ = ……….
उत्तर:
(क) भारत
(ख) ज्ञानवान
(ग) निदान
(घ) व्याकरण
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए
(i) वर्ण किसे कहते हैं?
(ii) स्वर और व्यंजन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
(iii) हस्व व दीर्घ स्वर में अंतर बताइए।
(iv) स्पर्श व्यंजन और अंतःस्थ व्यंजन के तीन-तीन उदाहरण लिखिए।
(v) वर्ण-विच्छेद से आप क्या समझते हैं?
(vi) ‘र’ के विभिन्न रूपों से दो-दो शब्द लिखिए।