मैया मैं नहिं माखन खायो NCERT Class 6 Hindi Chapter 9 Extra Questions and Answers

मैया मैं नहिं माखन खायो NCERT Class 6 Hindi Chapter 9 Extra Question Answer

Class 6 Hindi Chapter 9 Extra Questions मैया मैं नहिं माखन खायो अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
श्रीकृष्ण को माता यशोदा सुबह होते ही कहाँ भेज देती हैं?
उत्तर :
श्रीकृष्ण को माता यशोदा सुबह होते ही मधुबन में गायों को चराने भेज देती हैं।

प्रश्न 2.
श्रीकृष्ण मधुबन से घर कब लौटकर आते हैं?
उत्तर :
श्रीकृष्ण मधुबन से चार पहर बाद शाम को घर लौटकर आते हैं।

प्रश्न 3.
श्रीकृष्ण गायों के साथ चार पहर कहाँ घूमते रहते हैं?
उत्तर :
श्रीकृष्ण गायों के साथ चार पहर बंसीवट में भटकने (घूमने) के बाद शाम होने पर घर आते हैं।

प्रश्न 4.
श्रीकृष्ण माता यशोदा के सामने माखन नहीं खाने का तर्क क्यों देते हैं?
उत्तर :
श्रीकृष्ण माता यशोदा के सामने माखन नहीं खाने का तर्क स्वयं को निदोंष सिद्ध करने के लिए देते हैं।

प्रश्न 5.
श्रीकृष्ण ने स्वयं को निर्दोष सिद्ध करने का पहला कारण क्या बताया?
उत्तर :
श्रीकृष्ण ने माता यशोदा को बताया कि सुबह होते ही उन्हें गायों के पीछे मधुबन भेजा गया था और चार पहर बंसीवट में भटकने के बाद वह शाम को घर आए हैं, इसलिए वह माखन नहीं खा सकते।

प्रश्न 6.
श्रीकृष्ण ने माता यशोदा के सामने माखन नहीं खाने का दूसरा कारण क्या बताया?
उत्तर :
श्रीकृष्ण ने माता यशोदा के सामने माखन नहीं खाने का दूसरा कारण यह बताया कि वे एक छोटे बालक हैं और उनकी वाँहें छोटी हैं, इसलिए उनके हाथ छीके तक नहीं पहुँच सकते, जहाँ माखन रखा था।

Class 6 Hindi Chapter 9 Extra Question Answer मैया मैं नहिं माखन खायो लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
श्रीकृष्ण ने माता यशोदा को भोली क्यों कहा?
उत्तर :
श्रीकृष्ण ने माता यशोदा को भोली कहा, क्योंकि वे अन्य ग्वाल-बालों की बातों पर आसानी से विश्वास करके व्यर्थ में ही श्रीकृष्ण पर संदेह कर रही थीं। गवाल-बाल तो द्वेष करके श्रीकृष्ण को दोषी सिद्ध करना चाहते थे, इसलिए जबरदस्ती उनके मुख पर माखन लगा दिया।

प्रश्न 2.
‘लकुटि कमरिया’ से क्या तात्पर्य है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘लकुटि कमरिया’ से तात्पर्य लाठी और कंबल से है। जब श्रीकृष्ण को लगता है कि माता उसकी बात पर विश्वास नहीं कर रहीं, तो श्रीकृष्म यशोदा माता को लाठी और कंबल वापस करने की बात करते हैं, जो माता यशोदा उन्हें गाय चराने के समय देती थीं। बहाँ वह यह जताना चाहते थे कि अब वह गाय चराने नहीं जाएँगे और उनकी बात नहीं मानेंगे, क्योंकि उन पर गलत आरोप लगाया गया है।

प्रश्न 3.
श्रीकृष्ण ने माता यशोदा से लाठी और कंबल रखने के लिए क्यों कहा?
उत्तर :
श्रीकुष्ण ने माता यशोदा से लाठी और कंबल रखने के लिए कहा, क्योकि वे माता यशोदा से इस बात पर नाराज़ हो जाते हैं, क्योंकि उन्होंने उन पर माखन चोरी करने का संदेह किया था, इसलिए वे अब गाय चराने नहीं जाएँगे और अपनी माँ की बात भी नहीं मानेंगे।

प्रश्न 4.
सूरदास ने कृष्ण के किस रूप का वर्णन किया है?
उत्तर :
इस पद में सूरदास जी ने कृष्ण के बाल रूप का वर्णन किया है। उन्होंने कृष्ण की बाल लीलाओं, भोलेपन और चंचलता का बहुत ही भावपूर्ण और मनोहारी ढंग से चित्रण किया है। इस पद में विशेष रूप से कृष्ण के माखन चोरी करने की घटना का वर्णन किया गाया है, जिसमें वे अपंनी माता यशोदा को अपने भोलेपन और चतुराई से समझाने का प्रयास करते हैं कि उन्होंने माखन नहीं खाया है।

प्रश्न 5.
श्रीकृष्ण की बातों का प्रभाव माता यशोदा पर क्या पड़ा?
उत्तर :
जब श्रीकृष्ण ने अपने तर्क और भोलेपन के साथ यह्ह सिद्ध करने का प्रयास किया कि उन्होंने मक्सन नहीं खाया, तो माता यशोदा का मन प्रेम और वात्सल्य से भर गया। उन्हें अपने पुत्र की नटखट और भोली बातों पर प्यार आ गया, और इस प्रेमभाव में उन्होने हैसते हुए श्रीकृष्ण को गले से लगा लिया।

प्रश्न 6.
‘जिय तेरे कछु भेद उपजि हैं, जानि परायो जायो।’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति में श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को उलाहना देते हुए कहते हैं कि उनके हद्यय में कोई भेद है, जिस कारणवश उन्होंने श्रीकृष्ण को पराया समझ लिया है। यहाँ श्रीकृष्ण अपनी माता से कहना चाहते हैं कि यदि यशोदा माता उन्हें अपना पुत्र मानतीं, तो उनकी बात का विश्वास करती और उस पर माखन चोरी का संदेह नहीं करतीं।

Class 6 Hindi Chapter 9 Extra Questions मैया मैं नहिं माखन खायो दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
श्रीकृष्ण ने माता यशोदा को यह कैसे समझाया कि उन्होंने माखन नहीं खाया?
उत्तर :
श्रीकृष्ण ने अपनी माता रुशोदा से कहा कि उन्होने उसे सुबह गायों के पीछे मधुबन भेजा दिया था तथा वह पूरे चार पहर बंसीवट घूमकर घर आया था, इसलिए उसके पास माखन खाने का समय नहीं था। इसके अतिरिक्त, श्रीकृष्ण ने यशोदा माता को समझाया कि वे तो एक छोटे-से बालक हैं, उनकी बाँहि छोटी है, जो छीके तक नहीं पहुँच सकती हैं। ग्वाल-बाल ने जबरदस्ती द्वेष करके उनके मुख पर माखन लगा दिया है और भाषा तो भोली हैं, सबकी बातों में आ जाती हैं।

प्रश्न 2.
‘बरबस मुख लपटायो’ पंक्ति में श्रीकृष्ण द्वारा दूसरों पर दोषारोपण की प्रक्रिया को नैतिक दृष्टिकोण से समझाइए।
उत्तर :
‘बरबस मुख लपटायो’ पंक्ति में श्रीकृष्ण ने गपनी स्थिति को बचाने के लिए दूसरों पर दोषारोपण किया है। नैतिक दृष्टिकोण यह दिखाता है कि व्यक्ति अपनी गलतियों को छिपाने के लिए दूसरों को दोषी ठहराता है। हालाँकि, इसे बच्चे की चंचलता के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन यह समाजं में दोषारोषण की प्रवृत्ति का भी प्रतीक है। इस पंक्ति से यह स्पष्ट होता है कि जब व्यक्ति स्वर्य को कठिनाई में पाता है, तो वह किसी और को दोषी ठहराकर खुद को निर्दोंष सिद्ध करने का प्रयास करता है।

प्रश्न 3.
प्रस्तुत पद्यांश के आधार पर यशोदा का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर :
सूरदास ने यशोदा के चरित्र को एक आदर्श माँ के रूप में चित्रित किया है। यशोदा अपने पुत्र श्रीकृष्ण के प्रति अत्यधिक सेहशील और करुणामयी हैं। उनका हँसना और श्रीकृष्ण को गले लगाना उनके मातृ-स्लेह को दर्शाता है। वे अपने पुत्र की मासूमियत और चंचलता पर मोहित हो जाती हैं और उसकी हरकतों को प्रेम से स्वीकार करती हैं। सूरदास के इस चित्रण में यशोदा की सरलता, ममता और अपने पुत्र के प्रति उनके अटूट प्रेम की झलक मिलती है, जो उन्हें एक आदर्श माँ के रूप में प्रस्तुत करती हैं।

प्रश्न 4.
‘में बालक बहियन को छोटो’ पंक्ति का भावार्थ क्या है?
उत्तर :
श्रीकृष्ण स्वयं को निर्दोष सिद्ध करने के लिए तर्क देते हुए यशोदा माता से यह कहते हैं कि मैं तो छोटा-सा बालक हैं, मेरी बाँहें छोटी हैं, आप ही बताओं मैया मैं छीके तक कैसे पहुँच सकता हूँ? यह कथन श्रीकृष्ण के मासूम और बाल सुलभ तर्क का प्रतीक है। वे अपनी माँ को यह विश्वास दिलाने का प्रयास कर रहे हैं कि वे इतने छोटे हैं कि छीके तक पहुँच ही नहीं सकते। यहाँ श्रीकृष्ण अपनी चतुराई से माता यशोदा के समक्ष स्वयं को एक सामान्य बच्चे के रूप में असमर्थ दिखाते हैं।

प्रश्न 5.
प्रस्तुत पद में श्रीकृष्ण और ग्वाल-बालों के सम्बन्ध को किस प्रकार चित्रित किया गया है तथा यह क्या दर्शाता है?
उत्तर :
प्रस्तुत पद में श्रीकृष्ण और ग्वाल-बालों के संबंध को शत्रुतापूर्ण और प्रतिस्पर्द्धात्मक के रूप में चित्रित किया गया है। श्रीकृष्ण माता यशोदा से ये शिकायत करते हैं कि उनके सखा उनसे शन्रुता रखते हैं और उन्होने मक्लन उनके मुख पर जबरदस्ती लगा दिया है। यह दर्शाता है कि बच्चों के बीच अकसर छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई और प्रतिस्पर्धा होती है। यहाँ पद में श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में मानवीय पहलुओं को देखा जा सकता है, जहाँ वे भी सामान्य बच्चों की तरह अपने साथियों के साथ तकरार करते हैं।

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