मेरी माँ NCERT Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions and Answers

मेरी माँ NCERT Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Question Answer

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions मेरी माँ अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लखनऊ कांग्रेस में जाने की किसकी इच्छा थी तथा किसने इसका विरोध किया?
उत्तर :
लखनऊ कांग्रेस में जाने की रामग्रसाद ‘बिस्मिल’ की इच्छा थी तथा ‘बिस्मिल’ की दादीजी और पापाजी ने इसका विरोध किया।

प्रश्न 2.
लेखक रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ लखनक कांग्रेस में क्यों जाना चाहता था?
उत्तर :
लेखक रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ लखनक कांग्रेस में इसलिए जाना चाहता था, क्योंकि उसे राजनीतिक गतिविधियों में गहरी रुचि थी और वह स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देना चाहता था।

प्रश्न 3.
शाहजहाँपुर में किसका आरंभ हुआ तथा उसमें लेखक का क्या योगदान था?
उत्तर :
शाहजहाँपुर में सेवा-समिति का आरंभ हुआ। लेखक ने सेवा-समिति में बड़े उत्साह से सहयोग दिया और समाज सेवा के कायों में सक्रिय रुप से हिस्सा लिया।

प्रश्न 4.
लेखक की माताजी ने कब और कैसे शिक्षा प्राप्त करना आरंभ किया?
उत्तर :
लेखक की माताजी ने अपने पुत्र के जन्म के पाँच-सात वर्ष बोद हिंदी पढ़ना आरंभ किया। पढ़ने का शौक उन्हें स्वयं ही पैदा हुआ था। उन्होने मुहल्ले की शिक्षित सखी-सहेलियों से अक्षर-बोध करना सीखा।

प्रश्न 5.
लेखक की माताजी ने गृहकार्य की शिक्षा किससे प्राप्त की?
उत्तर :
शाहजहाँपुर आने के थोड़े दिनों बाद लेखक की माताजी ने गृहकार्य की शिक्षा अपनी दादीजी की छोटी बहन से प्राप्त की थी, जिन्होंने उन्हें घर के सभी कामकाज सिखा दिए थे।

प्रश्न 6.
लेखक की माता का सबसे बड़ा आदेश क्या था?
उत्तर :
लेखक की माता का सबसे बड़ा आदेश था कि किसी की प्राणहानि न हो तथा किसी भी परिस्थिति में अपने शत्रु को भी प्राणदंड न देना।

प्रश्न 7.
लेखक अपनी माँ के प्रति कृतज्ञता क्यों प्रकट करता है?
उत्तर :
लेखक अपनी माँ के प्रति कृतज्ञा इसलिए प्रकट करता है, क्योंक उनकी माताजी ने उनके जीवन के हर क्षेत्र में उनका मार्गदर्शन और समर्थन किया, जिससे वे सफल हो पाए थे।

प्रश्न 8.
लेखक अपनी माँ के प्रति कैसी अंतिम इच्छा प्रकट करता है?
उत्तर :
लेखक अपनी माँ के चरणों की सेवा करके अपने जीवन को सफल बनाना चाहता है, लेकिन उनकी यह इच्छा पूर्ण होती नही दिखाई देती, जिसके कारण अंग्रेजों ने उन्हें फाँसी की सजा सुनाई थी।

प्रश्न 9.
माताजी ने लेखक के क्रांतिकारी जीवन में कैसे सहायता की?
उत्तर :
माताजी ने लेखक को क्रांतिकारी जीवन में साहस और प्रोत्साहन देकर उसका समर्थन किया, जिससे वह देश-सेवा में संलग्न हो सका और अपने आदर्शों पर खरा उतर पाया।

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Question Answer मेरी माँ लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
पिताजी और दादीजी के लेखक की गतिविधियों के बारे में क्या विचार थे?
उत्तर :
लेखक के पिताजी और दादीजी उसकी राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों से असहमत थे। वे उसके स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने और सेवा-समिति में योगदान देने के खिलाफ थे, लेकिन माताजी ने हमेशा लेखक का समर्थन किया और उसका उत्साह बनाए रखा।

प्रश्न 2.
लेखक की माताजी के विचारों में आर्यसमाज में प्रवेश के बाद क्या बदलाव आया?
उत्तर :
लेखक की माताजी के विचारों में आर्यंसमाज में प्रवेश के बाद कुछ उदारता आई। लेखक के साथ वार्तालाप के दौरान उन्होंने धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण में भी विस्तार किया, जिससे उनके विचार अधिक खुले और उदार हो गए।

प्रश्न 3.
लेखक की माताजी ने छिंदी पढ़ने का शौक कैसे उत्पन्न किया और इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर :
लेखक के जन्म होने के पाँच या सात वर्ष बाद उन्होने हिंदी पड़ना आरंभ कर दिया। लेखक की माताजी को हिंदी पढ़ने का शौक स्वयं ही उत्पन्न हुआ। उन्होंने भुहल्ले की शिक्षित सखी-सहेलियों से अक्षर-बोध का ज्ञान लिया और थोड़े ही समय में देवनागरी पुस्तकों का अध्ययन करने लगी। इससे न केवल वे स्वयं शिक्षित हुई, अपितु उन्होंने अपनी बेटियों को भी शिक्षा दी।

प्रश्न 4.
लेखक की माताजी ने अपने ग्रामीण जीवन से शाहजहाँपुर में आकर गृहकार्य की शिक्षा कैसे प्राप्त की?
उत्तर :
लेखक की माताजी ग्यारह वर्ष की उम्र में विवाह कर शाहजहाँपुर आई थीं। उस समय वह नितांत अरिक्षित एक ग्रामीण कन्या के समान थीं। शाहजहाँपुर आने के थोड़े दिनों बाद दादीजी ने अपनी छोटी बहन को बुला लिया था। माताजी ने उनसे गृहकार्य की शिक्षा प्राप्त की। थोड़े ही दिनों में माताजी हर के सब कामकाज में निपुण हो गई।

प्रश्न 5.
माताजी के प्रोत्साहन ने लेखक को क्रांतिकारी जीवन में किस प्रकार सहायता दी? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
माताजी के प्रोत्साहन और समर्थन ने लेखक को क्रांतिकारी जीवन में साहस और आत्मविश्वास प्रदान किया। उन्होंने लेखक को यह सिखाया कि कठिनाइयों और संकटों के बावजूद सत्य और न्याय के मार्ग पर अडिग रहना चाहिए। अपनी माँ की शिक्षा और प्रेरणा से लेखक ने अपने क्रांतिकारी कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

प्रश्न 6.
लेखक ने अपनी माता के आदेश का पालन करने के लिए क्या किया?
उत्तर :
लेखक को अपनी माता के आदेश का पालन करने के लिए मजबूरन एक-दो बार अपनी प्रतिज्ञा भंग करनी पड़ी। लेखक की माताजी का सबसे बड़ा आदेश लेखक के लिए यही था कि किसी की प्राणहानि न हो भले ही वह शत्रु ही क्यों न हो, उसे भी प्राणदंड नहीं देना है।

प्रश्न 7.
लेखक की माताजी ने उसे जीवन में धैर्य और संतुलन बनाए रखने के लिए कैसे प्रेरित किया?
उत्तर :
लेखक की माताजी ने लेखक को अपने प्रेम भरे शब्दों से जीवन में धैर्य और संतुलन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उसे प्रत्येक कठिनाई में साहस और धैर्य से काम लेने का उपदेश दिया और उसकी प्रत्येक समस्या को स्नेहपूर्वक समझाया, जिससे लेखक कभी भी अधीर नहीं हुआ।

प्रश्न 8.
लेखक के अनुसार स्वाधीन भारत के इतिहास में उन्नकी माँ का नाम क्यों दर्ज होगा?
उत्तर :
लेखक का मानना है कि स्वाधीन भारत के इतिहास में उसकी माँ का नाम इसलिए दर्ज होगा, क्योंकि उन्होंने लेखक को सत्य, धर्म और देशभक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। लेखक का जीवन उनकी माँ के आदर्शों का प्रतिफल है और वह गर्व से अपनी माँ को देश के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित रूप से देखता है।

Class 6 Hindi Chapter 6 Extra Questions मेरी माँ दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लेखक की माताजी ने उनकी जीवन यात्रा में क्या भूमिका निभाई? अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखक की माताजी ने उनके जीवन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने लेखक के हर निर्णय में उनका साथ दिया, चाहे वह लखनऊ कांग्रेस में जाने की इच्छा हो या सेवा-समिति में कार्य करने का उत्साह। पिताजी और दादीजी के विरोध के बावजूद माताजी ने हमेशा लेखक का उत्साह बनाए रख।। उनका प्रोत्साहन और सद्व्यवहार ही लेखक के साहस और दृछता के विकास का आधार बना, जिससे लेखक ने जीवन की कठिनाइयों में भी अपने संकल्प को न त्यागा।

प्रश्न 2.
लेखक ने दीवानी मुकदमे में वकालतनामे पर पिताजी के हस्ताक्षर क्यों नहीं किए?
उत्तर :
लेखक ने अपने पिताजी के कहने पर भी वकील द्वारा पेश किए गए वकालतनामे पर पिताज्जी के हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें यह धर्म के विरुद्ध और अनैतिक लगा। इस प्रकार का पाप वे कभी नहीं करना चाहते। वकील ने उन्हें समझाया कि मुकदमा खारिज हो जाएगा, परंतु उन्होंने सत्य और न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखते हुए हस्ताक्षर नहीं किए, चाहे मुकदमा खारिज ही क्यों न हो जाए।

प्रश्न 3.
लेखक की माता ने लेखक के विवाह के संबंध में क्या विचार व्यक्त किए और इसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर :
लेखक की माताजी का मानना था कि शिक्षा पूरी होने के बाद ही विवाह करना सही होगा। उन्होने इस विचार पर दृकता से जोर दिया, भले ही दादीजी और पिताजी ने विवाह के लिए अनुरोध किया। उनके इस विचार ने लेखक को शिक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया। माताजी के समर्थन और प्रोत्साहन से लेखक ने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया और शिक्षा पूरी करने के बाद ही विवाह करने के बारे में सोचा।

प्रश्न 4.
लेखक की माताजी ने अपने स्नेह और प्रेम से लेखक को जीवन में धैर्य और संतुलन कैसे सिखाया?
उत्तर :
लेखक की माताजी ने अपने स्नेह और प्रेम से लेखक को जीवन में धैर्य और संतुलन का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कभी भी लेखक को अधीर नहीं होने दिया और प्रत्येक परिस्थिति में उसे स्नेहपूर्ण मार्गदर्शन दिया। जब भी लेखक ने धृष्टतापूर्ण उत्तर दिया, तो माताजी ने प्रेम भरे शब्दों में उसे सही मार्ग दिखाया। उनके इस संतुलित और धैर्यपूर्ण व्यवहार ने लेखक को जीवन में कभी भी अधीर न होने और प्रत्येक परिस्थिति का सामना धैर्य और संतुलन के साथ करने की शिक्षा दी।

प्रश्न 5.
लेखक के अनुसार, माताजी के दिए गए संस्कारों और उपदेशों का उनके जीवन में क्या महत्त्व रहा?
उत्तर :
लेखक के अनुसार, माताजी के दिए गए संस्कारों और उपदेशों ने उनके जीवन में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। माताजी ने उन्हे सत्य, धर्म और सेवा के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी। उनके उपदेशों ने लेखक के जीवन में धैर्य, साहस और दृढ़ता का विकास किया, जिससे वह किसी भी संकट में विचलित नहीं हुए। माताजी के संस्कारों के कारण ही लेखक ने जीवन में उच्च आदर्शों का पालन किया और समाज देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को निभाने में सफल रहे।

प्रश्न 6.
यदि लेखक की माताजी भी लेखक के पिताजी और दादीजी के विरोध का समर्थन करते हुए लेखक को लखनऊ कांग्रेस में जाने से मना कर देती, तो लेखक के जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता? अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
यदि लेखक की माताजी ने पिताजी और दादीजी के विरोध का समर्थन करते हुए लेखक को लखनऊ कांग्रेस में जाने से मना कर दिया होता, तो लेखक का जीवन संभवत: पूरी तरह से बदल जाता। यह निर्णय लेखक के भीतर के साहस, संकल्प और समाज सेवा के प्रति उनके उत्साह को कमओर कर सकता था। माताजी के इस समर्थन के बिना लेखक शायद अपने क्रांतिकारी जीवन की ओर अग्रसर नहीं हो पाते और साधारण जीवन जीने के लिए बाध्य हो जाते। यह उनकी सोच, स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी और नैंतिक मूल्यों पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता था, जिससे उनका जीवन प्रेरणारहित और उद्देश्यही़न हो जाता।

Class 6 Hindi Extra Question Answer