चेतक की वीरता NCERT Class 6 Hindi Chapter 11 Extra Question Answer
Class 6 Hindi Chapter 11 Extra Questions चेतक की वीरता अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
कविता में किस घोड़े का वर्णन किया गया है?
उत्तर :
कविता में महाराणा प्रताप के विख्यात घोड़े चेतक का वर्णन किया गया है।
प्रश्न 2.
कविता में चेतक की किन विशेषताओं का जीवंत-चित्रण किया गया है?
उत्तर :
कविता में चेतक की बहादुरी, निर्भीकता व स्वामी भक्ति का चित्रण किया गया है।
प्रश्न 3.
चेतक और हवा के बीच में क्या प्रतीत हो रही थी?
उत्तर :
चेतक और हवा के बीच प्रतियोगिता होती प्रतीत हो रही थी।
प्रश्न 4.
चेतक की युद्ध भूमि में उपस्थिति कैसी थी?
उत्तर :
चेतक की युद्ध भूमि में उपस्थिति अप्रत्याशित थी।
प्रश्न 5.
चेतक के प्रहार से किसका संतुलन बिगड़ गया?
उत्तर :
चेतक के प्रहार से शत्रुओं का संतुलन बिगड़ गया।
प्रश्न 6.
महाराणा प्रताप को हम क्यों याद करते हैं?
उत्तर :
महाराणा प्रताप को हम उनकी बहादुरी और पराक्रम के लिए याद करते हैं।
प्रश्न 7.
चेतक किस प्रकार के भालों में उड़ गया?
उत्तर :
चेतक भयानक भालों के बीच तेजी से उड्ड गया।
प्रश्न 8.
चेतक की गति से क्या खन गया?
उत्तर :
चेतक की गति से शत्रुओं का अंग खन गया।
प्रश्न 9.
चेतक के कारण बैरी-समाज की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर :
चेतक की वीरता और उसकी चाल देखकर बैरी-समाज दंग रह गया था।
Class 6 Hindi Chapter 11 Extra Question Answer चेतक की वीरता लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
चेतक की चाल और गति के विषय में कविता में क्या बताया गया है?
उत्तर :
चेतक की चाल इतनी तेज़ थी कि वह्ष अरि-मस्तक पर दौड़ रहा था और उसकी गति हवा से भी तेज़ थी। चेतक की चाल की बढ़ते नद और विकराल बन्र-मय बादल से तुलना की गई है।
प्रश्न 2.
महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक को कोड़ा क्यों नहीं पड़ता था?
उत्तर :
चेतक इतना वफादार और प्रशिक्षित था कि महाराणा प्रताप को उस पर कोड़ा चलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती थी। वह बिना कोड़े के ही तेज़ी से दौड़ता था।
प्रश्न 3.
चेतक की चाल में किस प्रकार का कौशल दिखाया गया है?
उत्तर :
चेतक ने अपनी चाल में ऐसा कौशल दिखाया कि वह भयानक भालों में, ढालों में और करवालों में सरपट निर्भीकता से दौकता चला गया।
प्रश्न 4.
‘हय-टापों से खन गया अंग’ का क्या अर्थ है?
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ है कि चेतक की टापों की तेजी और शक्ति से शत्रु के शरीर के अंगों पर चोट लग गई तथा वे घायल हो गए।
प्रश्न 5.
‘वह वहीं रहा है वहाँ नहीं पंक्ति का अर्थ क्या है?
उत्तर :
प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ है-चेतक इतना तेज़ था कि वह किसी एक स्थान पर टिकता नहीं था। उसकी गति इतनी तेज़ थी कि वह एक पल में यहाँ तो दूसरे पल में कहीं और पहुँच जाता था।
प्रश्न 6.
कविता में चेतक के कौशल और वीरता का वर्णन किस प्रकार किया गया है?
उत्तर :
कविता में चेतक की वीरता और कौशल का वर्णन उसकी तेज़्ज चाल, शत्रु के मस्तक पर दौड़ने, भयानक भालों और छालों के बीच निर्भीकता से दौड़ने के माध्यम से किया गया है।
प्रश्न 7.
चेतक के कौशल और गति का महाराणा प्रताप की युद्धनीति पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर :
चेतक के कौशल और गति ने महाराणा प्रताप की युद्धनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रणभूमि में चेतक की तेज़्ज चाल और उसकी अनोखी गति ने शत्रुओं को पराजित करने में महाराणा प्रताप की मदद की। चेतक की वीरता ने महाराणा प्रताप को कठिन परिस्थितियों में भी विजय दिलाने में सहायता की।
Class 6 Hindi Chapter 11 Extra Questions चेतक की वीरता दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
कविता में चेतक की वीरता का वर्णन किस प्रकार किया गया है?
उत्तर :
कविता ‘चेतक की वीरता’ में ‘श्यामनारायण पांडेय’ ने महाराणा प्रत्तप के प्रिय घोड़े चेतक की अद्वितीय वीरता का चित्रण किया है। रणभूभू में चेतक ने अपनी चाल और तेज गति से एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उसकी चाल इतनी तेज़ थी कि वह हवा से भी आगे निकल जाता था।
चेतक ने कभी भी महाराणा प्रताप के कोड़े का अनुभव नहीं किया, क्योंकि वह बिना कोड़े के ही महाराणा प्रताप की हर बात को समझता था और उसी के अनुरूप क्रिया करता था। उसकी चाल और कौशल ने शत्रुओं के बीच आतंक पैदा कर दिया था। चेतक की गति नदियों की बढ़ती लहर की तरह थी। वह विकराल बत्र-मय बादल की तरह शत्रु की सेना पर टूट पड़ता था। उसकी वीरता ने शत्रुओं को हैरान कर दिया था।
प्रश्न 2.
चेतक और महाराणा प्रताप के बीच के संबंध का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
चेतक और महाराणा प्रताप के बीच का संबंध एक अद्वितीय और गहरा था। चेतक केवल महाराणा प्रताप का घोड़ा नहीं था, बल्कि उनका सबसे विश्वसनीय और वफादार साथी भी था। रणभूमि में चेतक ने महाराणा प्रताप का साथ कभी नहीं छोड़ा और उनकी हर आज्ञा का पालन किया। चेतक इतना समझ़दार था कि महाराणा प्रताप को कभी भी उस पर कोड़ा चलाने की आवश्यकता नहीं पड़ी। वह बिना किसी निरेदेंश के ही उनकी इच्छाओं को समझ जाता था। चेतक का यह समर्पण और वफादारी उसे साधारण घोड़ों से अलग बनाती है।
प्रश्न 3.
कविता में चेतक की चाल और उसकी गति का वर्णन कैसे किया गया है?
उत्तर :
कविता में चेतक की चाल और गति का वर्णन बहुत ही प्रभावशाली ढंग से किया गया है। चेतक की चाल इतनी तेज़ और अनोखी थी कि वह रणभूमि में एक अद्वितीय घोडे के रूप में उभरा। उसकी गति को हवा से भी तेज बताया गया है, जिससे उसकी गति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
चेतक के दौड़ने की गति इतनी अद्भुत थी कि वह राणा प्रताप की पुतली फिरने से पहले ही मुड़ जाता था। उसकी गति और चाल को बढ़ते नद और विकराल बत्र-मय बादल से तुलना की गई है, जो उसकी तेज़ी और ताकत को दर्शाता है।
प्रश्न 4.
चेतक के रणभूमि में दिखाए गए कौशल और वीरता का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
चेतक ने रणभूमि में अद्वितीय कौशल और वीरता का प्रदर्शन किया। उसकी चाल और गति इतनी तेज़ थी कि वह हवा की तरह सरपट दौड़ता था। भयानक भालों और शत्रुओं की ढालों के बीच वह निर्भीक होकर अपना रास्ता बनाता था। वह इतनी कुशलता से दौडता था कि शत्रु उसकी चालों को समझने में असमर्थ थे। चेतक ने रणभूमि में अपनी वीरता का प्रदर्शन किया और हर वह स्थान जहाँ शत्रु मौजूद थे, वहाँ अपनी छाप छोड़ी। उसकी ताकत और रणभूमि में किए गए कार्य ने शत्रुओं को चौंका दिया और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
प्रश्न 5.
चेतक की वीरता के कारण शत्रुओं की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर :
चेतक की वीरता और चाल ने शत्रुओं के बीच भय और आतंक पैदा कर दिया। जब चेतक ने रणभूमि में अपनी तेज़ गति और कुशलता का प्रदर्शन किया, तो शत्रु समाज दंग रह गया। उसकी चाल, गति और ताकत ने शत्रुओं को आश्चर्यचकित कर दिया था। शत्रु उसकी वीरता को देखकर स्तब्ध हो गए। वे समझ ही नहीं पाए कि कैसे उस पर प्रतिक्रिया करें। चेतक की शक्ति ने शत्रुओं को भयभीत कर दिया। वे चेतक के रंग और उसकी चाल देखकर दंग रह गए।