परीक्षा NCERT Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Question Answer
Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Questions परीक्षा अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
जब रियासत देवगढ़ के दीवान सरदार सुजानसिंह बूढ़े हुए, तो किसकी याद आई?
उत्तर :
जब रियासत देवगढ़ के दीवान सरदार सुजानसिंह बूढ़े हुए, तो उन्हें परमात्मा की याद आई।
प्रश्न 2.
रियासत के नए दीवान की खोज का भार राजा ने किस पर छोड़ दिया?
उत्तर :
रियासत के नए दीवान की खोज का भार राजा ने सरदार सुजानसिंह पर छोड़ दिया।
प्रश्न 3.
प्रत्येक उम्मीदवार अपने जीवन को अपनी बुद्धि के अनुसार कैसा दिखाने की कोशिश करता था?
उत्तर :
प्रत्येक उम्मीदवार अपने जीवन को अपनी बुद्धि के अनुसार अच्छे रूप में दिखाने की कोशिश करता था।
प्रश्न 4.
एक दिन मए फैशनवालों को कौन-सा खेल खेलने की सूझी?
उत्तर :
एक दिन नए फैशनवालों को हॉंकी का खेल खेलने की सूझी।
प्रश्न 5.
सरदार सुजानसिंह ने दीवानी के पद के लिए किसको चुना?
उत्तर :
सरदार सुजानासंह ने दीवानी के पद के लिए पंडित जानकीनाथ को चुना।
प्रश्न 6.
सभी उम्मीदवार दीवान पद पाने के लिए क्या कर रहे थे?
उत्तर :
सभी उम्मीदवार दीवान पद पाने के लिए नकली व्यवहार कर रहे थे।
प्रश्न 7.
सरदार सुजानसिंह ने उम्मीदवार के व्यवहार के बारे में क्या सोचा?
उत्तर :
सरदार सुजानसिंह ने सोचा कि उम्मीदवार सिर्फ पद पाने के लिए नकली व्यवहार कर रहे हैं और उनका असली चेहारा जल्द ही सामने आ जाएगा।
प्रश्न 8.
हॉकी खेल रहे युवक जिसके पैर में चोटैं लग गई थी, उसका स्वभाव कैसा था?
उत्तर :
वह युवक साहसी था और उसके हृदय में दया की भावना थी।
Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Question Answer परीक्षा लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
रियासत देवगढ़ के दीवान सरदार सुजानसिंह ने महाराज से क्या विनय किया?
उत्तर :
रियासत देवगढ के दीवान सरदार सुजानसिंह जाकर महाराज से विनय की क्रि दौनबंधु! दास ने श्रीमान की सेवा चालीस वर्ष तक की, अब्ब मेरी अवस्था भी ढल गई, राज-काज सँभालने की शक्ति नहीं रही।
प्रश्न 2.
रियासत देवगढ़ के लोग हॉकी के खेल को किस नजर से देखते थे?
उत्तर :
रियासत देवगढ़ के लोग हॉकी के खेल को अलग ही दृष्टि से देखते थे। पढ़े-लिखे भलेमानुस लोग शतरंज और ताश जैसे गंभीर खेल खेलते थे। वहाँ दौड़-कूद के खेल बच्चों के खेल समझे जाते थे।
प्रश्न 3.
देवगढ़ में लोग क्यों आ रहे थे?
उत्तर :
देवगड़ में लोग एक खास पद के लिए आ रहे थे। इस पद के लिए किसी तरह की योग्यता या परीक्षा नहीं थी, बस नसीब का खेल था। इस वजह से सैकडों लोग अपना भाग्य आजमाने के लिए देवगढ़ आ रहे थे।
प्रश्न 4.
किसान नाले के ऊपर से अपनी बैलगाड़ी क्यों पार नहीं कर पा रहा था?
उत्तर :
किसान अपनी बैलगाइ़ी को नाले के ऊपर से इसलिए पार नहीं कर पा रहा था, क्योंकि गाड़ी बहुत भारी थी और बैल उसे खींचने में असमर्थ थे। नाले के ऊपर कोई पुल भी नहीं बना था, जिससे गाड़ी को पार करना और भी मुश्किल हो गया था। किसान ने कई बार प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सका। वह निराश हो गया।
प्रश्न 5.
हॉकी के खिलाड़ी ने किसान की मदद कैसे की?
उत्तर :
हॉकी के एक खिलाड़ी ने चोटिल होने के बावजूद किसान की परेशानी देखी और उसकी सहायता की। उसने अपनी चोट की परवाह किए बिना, पूरी ताकत से किसान की गाड़ी को नाले के ऊपर खींचने में सहायता की। उसकी इस सहायता से किसान की गाड़ी नाले के पार हो गई और किसान ने उसके प्रति आभार व्यक्त किया।
Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Questions परीक्षा दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
दीवान पद के चयन के लिए आए हुए उम्मीदवारों का उल्लेख लेखक ने किस प्रकार किया है?
उत्तर :
दीवान पद के चयन के लिए आए हुए उम्मीदवारों का उल्लेख करते हुए लेखक ने लिखा है कि देवगद़ में नए-नए और रंग-बिरंगे मनुष्य दिखाई देने लगे। प्रत्येक रेलगाड़ी से ठम्मीदवारों का एक मेला-सा उतरता। कोई पंजाब से चला आता था, कोई मद्रास से, कोई नए फैशन का प्रेमी, कोई पुरानी सादगी पर मिटा हुआ। रंगीन एमामे, चोगे और नाना प्रकार के अंगरखे और कंटोप देवगढ़ में अपनी सज-धज दिखाने लगे।
प्रश्न 2.
इस कहानी में किसान की क्या समस्या थी और उसका समाधान कैसे हुआ? किसान और युवक के बीच हुई बातचीत के बारे में क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
उत्तर :
यह कहानी एक किसान की मुश्किल स्थिति को बयान करती है। अंधेरा हो चुका था और किसान अपनी अनाज से भरी गाड़ी को एक कीचड भरे नाले से पार नहीं कर पा रहा था। नाले की चढ़ाई काफी ऊँची थी और गाड़ी का बोझ़ बहुत अधिक था। किसान ने कई बार प्रयास किया, लेकिन गाड़ी हर बार नीचे खिसक जाती थी। वह निराश और हताश हो चुका था।
ऐसे में कुछ खिलाड़ी वहाँ से गुजरे। उन्होंने किसान की समस्या देखी और उसकी सहायता करने का फैसला किया। युवकों ने मिलकर गाड़ी को धक्का दिया और किसान ने भी बैलों को प्रेरित किया। आखिरकार, संयुक्त प्रयास से गाड़ी नाले से पार हो गई।
प्रश्न 3.
जब राजा साहब का दरबार सजा, तब सुजानसिंह ने क्या घोषणा की?
उत्तर :
जब राजा साहब का दरबार सजा तब सुजानसिंह ने घोषणा की कि इस पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी, जिसके हृदय में दया हो और साथ-साथ आत्मबल। ह्बद्य वह जो उदार हो, आत्मबल वह जो आपत्चि का वीरता के साथ सामना करे और इस रियासत के सौभाग्य से हमें ऐसा पुरुष मिल गया। ऐसे गुणवाले संसार में कम हैं और जो हैं, वे कीर्ति और मान के शिखर पर बैठे हुए हैं, उन तक हमारी पहुँच नहीं। मै रियासत के पंडित जानकीनाथ-सा को दीवानी पाने पर बधाई देता हूँ।
प्रश्न 4.
जानकीनाथ को दीवान क्यों चुना गया और इस निर्णय को कैसे उचित ठहराया गया?
उत्तर :
जानकीनाथ को दीवान के पद के लिए चुना गया, क्योंकि उन्होंने अपने कार्यों से साबित कर दिया कि उनके पास आवश्यक गुण हैं। एक गरीब किसान की सहायता करने के दौरान जानकीनाथ ने अपनी चोट की परवाह किए बिना दलदल से गाड़ी निकालने में सहायता की। इससे उनके हृदय में बसी दया, साहस और आत्मबल की सच्चाई सामने आई। उनकी इस दया और साहस ने यह साबित किया कि वे एक संवेदनशील और ईमानदार व्यक्ति भी हैं। इस प्रकार, सुजानसिंह ने जानकीनाथ को नए दीवान के रूप में चुना और अन्य उम्मीदवारों ने यह मान लिया कि जानकीनाथ ही इस पद के लिए सबसे योग्य व्यक्ति हैं।