Class 11 Hindi Antra Chapter 5 Question Answer ज्योतिबा फुले

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 5 ज्योतिबा फुले

Class 11 Hindi Chapter 5 Question Answer Antra ज्योतिबा फुले

प्रश्न 1.
ज्योतिबा फुले का नाम समाज सुधारकों की सूची में सुमार क्यों नहीं किया गया? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर :
समाज सुधारकों की सूची को बनाने वाले सभी उच्चवर्गीय समाज का प्रतिनिधित्व करते थे। उस समय समाज में जाति-पांति का बहुत बोल-बाला था। ज्योतिबा फुले ब्राह्मण वर्चस्व और सामाजिक मूल्यों को कायम रखने वाली शिक्षा और सुधार के समर्थक नहीं थे। ज्योतिबा फुले ने पूँजीवाद और पुरोहितवादी मानसिकता पर हल्ला बोला था। ज्योतिबा के द्वारा स्थापित ‘सत्यशोधक समाज’ और उसका क्रांतिकारी साहित्य इसका प्रमाण है। यही कारण है कि ज्योतिबा फुले का नाम समाज सुधारकों की सूची में नहीं रखा गया।

प्रश्न 2.
शोषण व्यवस्था ने क्या-क्या षड्यंत्र रचे और क्यों ?
उत्तर :
शोषण-व्यवस्था ने ज्योतिबा फुले एवं उनकी पत्ली के मार्ग में अनेक अवरोध खड़े करने शुरू कर दिए जब ये अपने द्वारा खोली कन्या पाठशाला में पढ़ाने जाते थे तो लोग इन्हें गालियाँ देते थे उनके ऊपर थूकते, गोबर उछालते व पत्थर मारते थे।

प्रश्न 3.
ज्योतिबा फुले द्वारा प्रतिपादित आदर्श परिवार क्या आपके विचारों के आदर्श परिवार से मेल खाते हैं ? पक्ष-विपक्ष में अपने उत्तर दीजिए।
उत्तर :
ज्योतिबा फुले ने जिस परिवार को आदर्श परिवार माना है उसकी संरचना इस प्रकार है-पिता बौद्ध, माता ईसाई, बेटी मुसलमान और बेटा सत्यधर्मी होना चाहिए। इस तरह के परिवार को आदर्श परिवार मानता हूँ। आप देख रहे हैं कि आजकल समाज में धार्मिक फसाद अधिक हो रहे हैं। यदि समाज में ऐसे परिवार होंगे तो धर्म के नाम पर होने वाले झगड़े स्वतः ही समाप्त हो जायेंगे। लोगों में प्यार व सौहार्द्र की भावना का उदय होगा। समाज और दुनिया में शांति फैलेगी।

प्रश्न 4.
स्त्री-समानता को प्रतिष्ठित करने के लिए ज्योतिवा फुले के अनुसार क्या-क्या होना चाहिए ?
उत्तर :
स्त्री समानता को प्रतिष्ठित करने के लिए स्त्रियों को भी पुरुषों के बराबर अधिकार मिलने चाहिए किसी भी प्रकार का कोई पक्षपात न हो जैसी शिक्षा पुरुष ले वैसी ही शिक्षा स्त्री को मिले । उन्होंने स्त्री-समानता को प्रतिष्ठित करने के लिए नई विवाह विधि की रचना की। जिसमें ऐसे मंत्र रखे गए जिनको वर-वधू आसानी से समझ सकें। इन मंत्रों में वधू-वर से समान अधिकार की बात कहती है। स्त्री के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए ज्योतिबा फुले ने हर संभव प्रयत्न किया।

प्रश्न 5.
सावित्री बाई के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन किस प्रकार आए ? क्रमबद्ध रूप में लिखिए।
उत्तर :
जब सावित्री बाई की उम्र लगभग छः साल थी। वह शिखल गाँव की हाट में गई थी। वहाँ कुछ खरीदकर खाते-खाते उसने देखा कि एक पेड़ के नीचे कुछ मिशनरी स्त्रियाँ और पुरुष गा रहे हैं। एक लाट साहब ने उसे खाते हुए और रुककर गाना सुनते देखा तो कहा- “इस तरह रास्ते में खाते-खाते घूमना अच्छी बात नहीं है।” यह सुनकर सावित्री ने अपने हाथ का खाना फेंक दिया। उस व्यक्ति ने सावित्री बाई को पुस्तक दी। ईसाइयों की इस पुस्तक को देखकर उसके पिता क्रोधित हुए उन्होंने वह पुस्तक कूड़े में फेंक दी। सावित्री बाई ने वह पुस्तक उठाकर रख ली। जब उसकी शादी हुई तो वह उस पुस्तक को भी साथ लाई और आकर उसका अध्ययन किया उसने ससुराल आकर अपने पति से शिक्षा ग्रहण की उन्होंने अंग्रेजी की शिक्षा भी ग्रहण की तथा लड़कियों के लिए कन्या पाठशाला खोली।

प्रश्न 6.
ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई के जीवन से प्रेरित होकर आप समाज में क्या परिवर्तन करना चाहेंगे ?
उत्तर :
ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई के जीवन से प्रेरित होकर मैं समाज में धार्मिक संकीर्णताओं और छुआछूत को उखाड़ फेंकना चाहूँगा क्योंकि हमारे समाज का जितना अधिक अहित इन दोनों ने किया है इतना किसी विदेशी शत्रु ने भी नहीं किया है। समाज से इस गंदगी को हटाना आवश्यक है।

प्रश्न 7.
समाज में फुले दंपत्ति द्वारा किए गए सुधार कायों का किस प्रकार विरोध हुआ ?
उत्तर :
समाज में फुले दंपत्ति द्वारा किए गए कार्यों का लोगों ने पूरा विरोध किया उन्हें लगातार व्यवधानों, अड़चनों, लांछनों और बहिष्कार का सामना करना पड़ा। ज्योतिबा के धर्मभीरू पिता ने पुरोहितों और रिश्तेदारों के दबाव में अपने बेटे और बहू को घर छोड़ देने पर मजबूर किया। सावित्री जब पढ़ाने के लिए घर से पाठशाला जाती तो रास्ते में खड़े लोग उसे गालियाँ देते, थूकते, पत्थर मारते और गोबर उछालते थे। परन्तु इन बातों से विचलित हुए बिना दोनों पति-पली सारी बाधाओं से जूझते हुए अपने काम में इटे रहे।

प्रश्न 8.
उनका दांपत्य जीवन किस प्रकार आधुनिक दंपतियों को प्रेणणा प्रदान करता है ?
उत्तर :
ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई ने हर काम इंके की चोट पर किया वे अडिग होकर कुरीतियों का विरोध करते हुए दलितों-शोषितों के हक में खड़े रहे। आज के प्रतिस्पर्धात्मक समय में जब प्रबद्ध वर्ग के प्रतिष्ठित जाने-माने दंपति साथ रहने के कई बरसों बाद अलग होते ही एक दूसरे को पूर्णातः नष्ट-भ्रपष्ट करने और एक दूसरे की जड़ें खोदने पर आमादा हो जाते हैं वहीं इन दोनों का जीवन एक आदर्श दापपत्य की मिसाल बनकर चमकता है।

प्रश्न 9.
ज्योतिवा फुले ने किस प्रकार की मानसिकता पर प्रहार किया और क्यों ?
उत्तर :
ज्योतिबा फूले ने पूँजीवादी और पुरोहितवादी मानसिकता पर प्रहार किया। क्योंकि इन दोनों ने समाज को बाँटने का काम किया। पूँजीवाद ने अमीर-गरीब के वीच की खाई को और चौड़ा किया तथा पुरोहितवाद ने लोगों के बीच धार्मिक संकीर्णता की भावना व अंध विश्वासों को बढ़ावा दिया। इन्होंने अपने स्वार्थों के लिए समाज से हर तरह से विष वमन ही किया है।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।
(क) ‘सच का सवेरा होते ही वेद डूब गए’, ‘विद्या शूद्रों के घर चली गई’, भू-देव (ब्राह्मण) शरमा गए’।
(ख) इस शोषण-ययस्था के खिलाफ़ दलितों के अलाया स्त्रियों को भी आंदोलन करना चाहिए।
उत्तर :
(क) वेदों को ज्ञान की पुस्तक माना जाता है जिसमें बताया गया है कि शूद्रों के शिक्षित होने पर धरती के देवता कहे जाने वाले ब्राह्मण इस बात से शरमा गए कि अब शूद्र भी शिक्षित हो गए।
(ख) शोषण का शिकार दलित वर्ग के अतिरिक्त स्त्रियाँ भी थीं अतः ये दोनों मिलकर संघर्ष करें तभी आंदोलन सफल हो सकता था।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित गयांश की संदर्भ सहित ब्याख्या कीजिए।
(क) स्वतंत्रता का……………………………. हर स्त्री की थी।
(ख) मुझे ‘महात्मा’ कहकर…………………………… अलग न करें।
उत्तर :
प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठय-पुस्तक ‘अंतरा’ में संकलित जीवनी ‘ज्योतिबा फूले’ से अवतरित है। लेखिका सुधा अरोड़ा ने यहाँ ज्योतिबा फूले द्वारा प्रचलित विवाह के अवसर पर पढ़े जाने वाले उनके द्वारा रचित नए मंत्रों का उल्लेख किया है।

ब्याख्या : ज्योतिबा फूले ने विवाह संस्कार के लिए नए मंत्र बनाए। इन मंत्रों में उन्होंने महिलाओं द्वारा समानता के अधिकार मांगने का उल्लेख किया है। इन मंत्रों में उन्होंने पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ा है। इन मंत्रों में वर वधू से कहती है कि स्वतंत्रता क्या है यह हम जानती ही नहीं। आपको आज इस बात की शपथ लेनी होगी कि स्त्रियों को उनका वास्तविक अधिकार दोगी। स्वंतत्रता क्या होती है इसका अनुभव हमें भी कराओगी। यह आकांक्षा केवल वधू की ही नहीं बल्कि सभी स्त्रियों की थी। ज्योतिबा फूले को स्त्रियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा।

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ सुधा अरोड़ा द्वारा रचित ‘ज्योतिबा फूले’ की जीवनी से ली गई हैं। लेखिका ने यहाँ ज्योतिबा फूले के उस वक्तव्य का उल्लेख किया है जो उन्होंने उस समय दिया था जब उन्हें महत़्मा कहकर पुकारा गया था।

व्याख्या : 1888 में ज्योतिबा फूले को महात्मा की उपाधि से सम्मानित किया गया। ज्योतिबा फूले ने कहा कि महात्मा की उपाधि मेरे संघर्ष में बाधक बनेगी। उनका तर्क था कि मठाधीश बनने के बाद व्यक्ति ऐशोआराम की जिंदगी जीने लगता है। ऐशो-आराम का जीवन व्यतीत करने वाला व्यक्ति कभी संघर्ष नहीं कर सकता। उनका कहना था कि आप मुझे जैसा हूँ वैसा ही रहने दो मुझे आप महात्मा अर्थात् मठाधीश मत बनाओ।

योग्यता-विस्तार – 

प्रश्न 1.
आपने आस-पास के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत कर उनके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
क्या आज भी समाज में स्त्री-पुरुष के बीच भेदभाव किया जाता है? कक्षा में विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.
पाठ में आये महात्मा फुले के सूक्तिबद्ध विचारों को संकलित करके उन पर अपनी टिप्पणी लिखिए।
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.
सावित्री बाई और महात्मा फुले ने समाज हित के जो काम किए उनकी सूची बनाइए।
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

Class 11 Hindi NCERT Book Solutions Antra Chapter 5 ज्योतिबा फुले

प्रश्न 1.
स्त्री शिक्षा के बारे में महात्मा ज्योतिबा फुले के क्या विचार थे?
उत्तर :
ज्योतिबा फुले स्त्री-शिक्षा के प्रबल हिमायती थे। उन्होंने स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कन्या पाठशालाएँ खुलवाई। उनका विचार था कि स्त्री शिक्षित होगी तभी वह अपने अधिकारों को समझेगी।

प्रश्न 2.
महात्मा ज्योतिबा फुले के विचार किन-किन पुस्तकों में संगृहीत हैं?
उत्तर :
महात्मा ज्योतिबा फुले के विचार ‘गुलामगिरी’ ‘शेतकरयांचा आसूड’ (किसानों का प्रतिरोध) और सार्वजनिक सत्यधर्म पुस्तकों में संगृहीत हैं।

प्रश्न 3.
महात्मा ज्योतिबा फुले ने वर्ण जाति और वर्ग-व्यवस्था के बारे में क्या कहा ?
उत्तर :
महात्मा ज्योतिबा फुले ने वर्ण, जाति और वर्ण-व्यवस्था में निहित शोषण-प्रक्रिया को एक दूसरे का पूरक बताया। उनका कहना था कि इस शोषण-व्यवस्था के खिलाफ दलितों के अलावा स्त्रियों को आंदोलन करना चाहिए।

प्रश्न 4.
ब्राझणी मानसिकता की असलियत का पर्दाफाश किस बात से होता है ?
उत्तर :
संभ्रांत समीक्षकों के द्वारा समाज-सुधारकों की जो सूची तैयार की गई उसमें ज्योतिबा फुले का नाम न होना ब्राह्मणी मानसिकता का परिचायक है जब कि वास्तविकता यह है कि ज्योतिबा फुले ने समाज सुधार के जो कार्य किए वह अपने में बेमिसाल हैं।

प्रश्न 5.
आधुनिक शिक्षा के बारे में महात्मा ज्योतिबा फुले के क्या विचार थे?
उत्तर :
आधुनिक शिक्षा के बारे में ज्योतिबा फुले का कहना था कि आधुनिक शिक्षा का लाभ केवल उच्च वर्ग को ही मिलता है, उसमें शूद्रों का कोई स्थान नहीं है। गरीबों से कर जमा करके अमीरों के बच्चों की शिक्षा पर खर्च कर दिया जाता है। ऐसी शिक्षा का क्या लाभ जिससे एक वर्ग शिक्षा से वंचित रह जाए।

प्रश्न 6.
ज्ञ्योतिबा फुले के अनुसार, “पुरुष स्त्रियों को शिक्षा से वंचित क्यों रखते हैं?
उत्तर :
महात्मा ज्योतिबा फुले के अनुसार स्त्री शिक्षा के दरवाजे पुरुषों ने इसलिए बंद कर रखे हैं कि वह मानवीय अधिकारों को न समझ पाएँ, जैसी स्वतंत्रता पुरुष लेता है, वैसी ही स्वतंत्रता स्त्री ले तो ?ुरुषों के लिए अलग नियम और स्त्रियों के लिए अलग नियम, यह पक्षपात है।”

प्रश्न 7.
महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी को घर छोड़ने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ा?
उत्तर :
ज्योतिबा फुले के पिता धर्मभीरू थे। ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी शूद्रों के लिए पाठशालाएँ खोलने में लगे थे। पुरोहितों और रिश्तेदारों के दबाव में आकर ज्योतिबा फुले के धर्मभीरू पिता ने अपने पुत्र व पुत्र वधू को घर छोड़ने के लिए बाध्य कर दिया।

प्रश्न 8.
सावित्री बाई जब पाठशाला में पढ़ाने जार्ती तो उन्हें किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था?
उत्तर :
जब सावित्री बाई पाठशाला में पढ़ाने जाती थीं तो लोग उनको गालियाँ देते थे उनकी तरफ थूकते थे, पत्थर मारते थे और गोबर फेंकते थे परन्तु उन्होंने कभी इनकी परवाह नहीं की।

प्रश्न 9.
किसने कहा सही चिह (✓)लगाइए।
(क) विद्या शूद्रों के घर चली गई। – ब्राहमणों ने, महात्मा फुले ने
(ख) स्वतंत्रता का अनुभव हम स्त्रियों को है ही नहीं – सावित्री बाई ने, वधू ने
(ग) इस तरह रास्ते में खाते-खाते घूमना अच्छी बात नहीं है। – महात्मा फुले ने, लाट साहब ने
(घ) तेरी शादी कर देनी चाहिए। – ज्योतिबा फुले ने, पिता ने
उत्तर :
(क) विद्या शूद्रों के घर चली गई। – ब्राह्मणों ने (✓)
(ख) स्वतंत्रता का अनुभव हम स्त्रियों को है ही नहीं – वधू ने (✓)
(ग) इस तरह रास्ते में खाते-खाते घूमना अच्छी बात नहीं है। – लाट साहब ने (✓)
(घ) तेरी शादी कर देनी चाहिए। – पिता ने (✓)

प्रश्न 10.
‘शेतकरयांचा आसूड’ (किसानों का प्रतिरोध) पुस्तक के उपोद्यात की पंक्तियाँ दोहराइए।
“विद्या बिना मति गई
मति बिना नीति गई
नीति बिना गति गई
गति बिना वित्त गया
वित्त बिना शूद्र गए
इतने अनर्थ एक अविद्या ने किए।”
उत्तर :
इन पंक्तियों में ज्योतिबा फूले ने विद्या के महत्व को सिद्ध किया है। उनका कहना है कि विद्या हमें सब कुछ प्रदान करती है। विद्याहीन होने के कारण ही व्यक्ति शूद्य हो जाता है। उनका कहना था कि बिना विद्या के बुद्धि चली जाती है, बिना बुद्धि के नीति का ज्ञान नहीं रहता है। नीति के ज्ञान के बिना कोई भी कार्य ठीक प्रकार से नहीं होता। बिना कार्य किए धन की प्राप्ति नहीं होती, धनहीन होने के कारण व्यक्ति शूद्र हो जाता है। अविद्या ही सारे अनथों की जड़ है।

प्रश्न 11.
ज्योतिबा फूले ने किस प्रकार की मानसिकता पर प्रहार किया ?
उत्तर :
ज्योतिबा फूले ने पूँजीवादी और पुरोहितवादी मानसिकता पर प्रहार किया था।

प्रश्न 12.
आदर्श परिवार के बारे में ज्योतिबा फूले के विचार बताइए?
उत्तर :
आदर्श परिवार के बारे में ज्योतिबा फूले के विचार एकदम धर्म निरपेक्ष थे उनका कहना था कि जिस परिवार में पिता बौद्ध हो, माता ईसाई हो, बेटी मुसलमान हो, बेटा सत्यधर्मी हो वह परिवार आदर्श परिवार है।

प्रश्न 13.
अस्पृश्य जातियों के उत्यान के बारे में ज्योतिबा फूले ने क्या उपाय किए?
उत्तर :
उन्होंने उनके लिए पाठशालाएँ खोलीं, उन्होंने किसानों और अछूतों की झुग्गी झोपड़ियों में जाकर लड़कियों को पाठशाला भेजने का आग्रह किया। उन्होंने सभी जातियों के लिए अपने घर के पानी के हौद खोल दिए उन्होंने कुरीतियों, अंध-श्रद्धा और रूढ़ियों का विरोध किया।

प्रश्न 14.
सावित्री बाई के प्रमुख कार्य क्या थे?
उत्तर :
सावित्री बाई ने शूद्र से भी शूद्र लड़कियों के लिए पाठशालाएँ खोलीं। वह आग्रह करके उनको पाठशाला में आने के लिए प्रेरित करती थीं। उन्होंने प्रतिबंधक ग्रह के दरवाजे विधवा महिलाओं और अनाथ बच्चों के लिए खुलवा दिए।

प्रश्न 15.
ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई के जीवन से आज के समाज को क्या प्ररेणा मिलती है?
उत्तर :
ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई का जीवन हमारे लिए आदर्श है। अब से लगभग 150 वर्ष पहले उन्होंने समाज में जागृति लाने के लिए कितना संघर्ष किया। उन्होंने स्त्रियों को पुरुषों के बराबर अधिकार व स्वतंत्रता देने की वकालत की। इनके जीवन से जाति या धर्म के कारण किसी से कोई भेदभाव न करने, सभी को समान समझने एवं साक्षरता को जड़ से मिटाने की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न 16.
ज्योतिबा फूले ने किस प्रकार से सवांगीण समाज की कल्पना की थी?
उत्तर :
ज्योतिबा फूले समाज के निम्न से भी निम्न दर्ग को शिक्षित करके समाज-सुधार करना चाहते थे। उनका कहना था कि आधुनिक शिक्षा का लाभ केवल उच्च वर्ग को ही मिलता है। वे समाज में स्त्रियों को समान अधिकार एवं स्वतंत्रता दिलाने के पक्षधर थे। ज्योतिबा फूले ने स्त्री समानता को प्रतिष्ठित करने के लिए नई विवाह पद्धति का प्रचलन शुरू किया। वे कहते थे कि समाज में समानता का अधिकार प्राप्त करने के लिए शूद्रों और स्त्रियों को साथ मिलकर संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने अपनी अनपढ़ पली को शिक्षित बनाया उनकी कथनी और करनी में समानता थी।

प्रश्न 17.
ज्योतिबा फूले स्त्री-पुरुष के बीच किस प्रकार के संबंध चाहते थे?
उत्तर :
ज्योतिबा फूले स्त्री-पुरुष के बीच समानता के सम्बन्ध चाहते थे। उनका कहना था कि स्त्री-शिक्षा के दरवाजे पुरुषों ने इसलिए बंद कर रखे हैं जिससे वह मानवीय अधिकारों को न समझ़ पाए। वे चाहते थे कि जैसी स्वतंत्रता पुरुषों को है ऐसी ही स्त्रियों को भी मिलनी चाहिए। स्त्री समानता को प्रतिष्ठित करने के लिए उन्होंने नई विवाह-पद्धति की रचना की। वे चाहते थे कि विवाह विधि में पुरुष प्रधान संस्कृति के समर्थक व स्त्री की गुलामगिरी सिद्ध करने वाले जितने भी मंत्र हैं सबको निकाल दिया जाए।

प्रश्न 18.
स्त्री-शिक्षा का व्यावहारिक उदाहरण किस प्रकार ज्योतिबा ने प्रस्तुत किया?
उत्तर :
ज्योतिबा फूले की कथनी और आचरण में समानता थी। वे अपने आचरण को व्यवहार में उतारने का पूरा प्रयास करते थे। इस दिशा में उनका पहला कदम था अपनी अनपढ़ पत्ली सावित्री बाई को शिक्षित करना। ज्योतिबा फूले ने अपनी पत्नी को मराठी भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा की शिक्षा भी दी। उन्होंने उसको अंग्रेजी पढ़ना, लिखना और बोलना भी सिखाया।

प्रश्न 19.
ज्योतिबा और सावित्री कैसे एक-एक मिलकर ग्यारह हो गए?
उत्तर :
ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई फुले ने हर मुकाम पर कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। मिशनरी महिलाओं की तरह किसानों और अछूतों की झुग्गी-झोपड़ी में जाकर लड़कियों को पाठशाला में भेजने का आग्रह किया, बालहत्या, प्रतिबंधक गृह में अनाथ बच्चों और विधवाओं के लिए दरवाज़े खोल देना और उनके नवजात बच्चों की देखभाल करना तथा महार, चमार और मांग जाति के लोगों की एक घूँट पानी पीकर प्यास बुझाने की तकलीफ़ देखकर अपने घर के पानी का हौद सभी जातियों के लिए खोल देना। हर काम पति-पत्नी ने डंके की चोट पर किया और कुरीतियों, अंध-श्रद्धा और पारंपरिक अनीतिपूर्ण रूढ़ियों को ध्वस्त कर दलितों-शोषितों के हक में खड़े हुए। इस प्रकार दोनों पति-पत्नी एक और एक मिलकर ग्यारह हो गए अर्थात् दोनों ने ऐसी एक-जुटता दिखाई कि सभी कायों में उनका संघर्ष सफल होता चला गया।

11th Class Hindi Book Antra Questions and Answers